- अबूझमाड़ में विकास की नई रफ्तार, बिछी सड़कों पर दौड़ी बसें.
- नारायणपुर से कुतुल तक सीधी बस सेवा, गांवों में खुशी की लहर.
- मोबाइल कनेक्टिविटी से जुड़े दूरस्थ गांव, नियद नेल्लानार योजना का कमाल.
नारायणपुर, छत्तीसगढ़ कभी अबूझमाड़ का नाम सुनते ही लोग सहम जाते थे. दुर्गम रास्ते, पगडंडियां और माओवाद का साया. लेकिन अब तस्वीर बदल रही है. छत्तीसगढ़ सरकार की ‘नियद नेल्लानार’ योजना ने इस इलाके में विकास की ऐसी बस दौड़ाई है, कि अब यहां की पगडंडियां पुरानी कहानी बन गई हैं और ज़िन्दगी सरपट रफ्तार पकड़ रही है. कभी जहां लोग मुश्किल से चल पाते थे, आज वहीं बसें फर्राटे भर रही हैं. यह सिर्फ एक बस सेवा नहीं, बल्कि अबूझमाड़ के लोगों के लिए नए युग की शुरुआत है.
विकास की नींव: पुलिस कैंप और फिर सड़कों का जाल
दरअसल, नियद नेल्लानार योजना के तहत नारायणपुर जिले के अंदरूनी इलाकों में 14 नए पुलिस कैंप बनाए गए. इन कैंपों की स्थापना के बाद सुरक्षा का माहौल बना और फिर शुरू हुआ विकास का काम. सड़कें बनीं, पुल-पुलिए तैयार हुए और मोबाइल कनेक्टिविटी का भी तेज़ी से विस्तार हुआ. यह दिखाता है कि जब सुरक्षा और विकास साथ चलते हैं, तो कैसे बदलाव की बयार बहती है. यह वही विकास है जिसका वादा सरकारों ने दशकों तक किया, पर अब जाकर ज़मीन पर उतरता दिख रहा है.
नारायणपुर से कुतुल तक, अब सीधे बस से!
इस कड़ी में सबसे बड़ी खबर ये है कि नारायणपुर से कुतुल तक सीधी बस सेवा शुरू हो गई है. ये बस सेवा सिर्फ कुतुल तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कुरुशनार, बासिंग, कुंदला, कोहकामेटा, ईरकभट्टी, कच्चापाल और कोडलियर जैसे लगभग 49 किलोमीटर दूर स्थित दूरस्थ गांवों को भी जोड़ रही है. सोचिए, जिन गांवों तक पहुंचने में घंटों लगते थे, जहां बारिश में नदियां उफान पर होती थीं और मरीज़ों को कंधे पर उठाकर अस्पताल लाना पड़ता था, वहां अब बस से सीधा संपर्क हो गया है. ग्रामीणों में इसे लेकर जबरदस्त उत्साह है. यह उनके लिए सिर्फ एक परिवहन सुविधा नहीं, बल्कि मुख्यधारा से जुड़ने का सीधा रास्ता है.
बदली ज़िन्दगी: आसान आवागमन और बेहतर कनेक्टिविटी
बस सेवा शुरू होने से आवागमन अब बेहद आसान हो गया है. अब ग्रामीणों को रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरी करने और सरकारी कामों के लिए नारायणपुर तक पहुंचने में सुविधा हो गई है. सिर्फ कुतुल ही नहीं, बल्कि नारायणपुर से मसपुर तक भी 14 गांवों के लिए बस सेवा शुरू की गई है, जिससे इन इलाकों के लोग भी ज़िला मुख्यालय से बेहतर तरीके से जुड़ गए हैं. संचार के मोर्चे पर भी नियद नेल्लानार योजना ने कमाल किया है. कस्तुरमेटा, मसपुर, ईरकभट्टी, मोहन्दी, होरादी, गारपा और कच्चापाल जैसे गांवों में 4जी मोबाइल टॉवर लगाए गए हैं. अब इन गांवों के लोग भी मोबाइल नेटवर्क से जुड़ पा रहे हैं. इसका मतलब है कि शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रशासनिक सेवाओं तक उनकी पहुंच बेहतर हुई है. इंटरनेट पर जानकारी मिल रही है, लोग अपने रिश्तेदारों से आसानी से बात कर पा रहे हैं, और सरकारी योजनाओं की जानकारी भी उन तक तुरंत पहुंच रही है. यह दिखाता है कि कैसे एक समग्र योजना पूरे क्षेत्र की तस्वीर बदल सकती है.
सरकार का आभार: विकास की नई रोशनी
ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और ज़िला प्रशासन का दिल से आभार जताया है. उनका कहना है कि दशकों के इंतज़ार के बाद अब उन्हें विकास की मुख्यधारा में शामिल होने का अवसर मिल रहा है. नियद नेल्लानार योजना ने सचमुच उनके जीवन में नया प्रकाश फैलाया है. यह केवल एक योजना नहीं, बल्कि अबूझमाड़ के लोगों के सपनों को नई उड़ान देने वाली पहल है. यह कहानी है उस बदलाव की, जो दिखाता है कि इच्छाशक्ति हो तो किसी भी दुर्गम क्षेत्र को विकास की राह पर लाया जा सकता है.