आपने आलू-परवल तो बहुत खाए होंगे, लेकिन आज हम आपको ऐसी सब्जी के दर्शन कराएंगे, जिसके दाम सुनकर आपकी आंखें खुली की खुली रह जाएंगी. जनाब, ये है छत्तीसगढ़ की ‘पुटुरानी’ पुटू, जो देश की सबसे महंगी सब्जियों की लिस्ट में डंका पीट रही है. इसकी कीमत इतनी कि चिकन, मटन, पनीर और मशरूम भी इसके सामने पानी भरते नजर आएं. सोचिए, एक ऐसी सब्जी जो मिट्टी में सनी मिलती है, और खरीदने के लिए बैंक बैलेंस तगड़ा होना चाहिए!
ये अजब-गजब सब्जी सिर्फ बारिश के मौसम में ही दर्शन देती है, यानी सावन के महीने में ही इसके दीदार होते हैं. छत्तीसगढ़ में तो इसे लेकर ऐसी दीवानगी है कि लोग मुंह मांगे दाम देकर भी इसका स्वाद चखना चाहते हैं. आखिर क्या है
इसमें ऐसा खास? आइए जानते हैं!
स्वाद ऐसा कि मांसाहारी भी हो जाएं शाकाहारी! जो लोग सावन में मांस-मछली से दूरी बनाते हैं, उनके लिए पुटू किसी वरदान से कम नहीं. इसका स्वाद बिल्कुल मांस जैसा लगता है, तभी तो इसे मांसाहार का शानदार विकल्प माना जाता है. सरगुजा के बाजारों में आपको ये छोटे आलू के आकार की सब्जी मिट्टी में लिपटी हुई मिल जाएगी. दूर-दराज के गांव वाले इसे बेचने आते हैं. लेकिन इनकी सादगी पर मत जाइएगा, क्योंकि इस ‘साधारण’ सी दिखने वाली सब्जी को खरीदना हर किसी के बस की बात नहीं है. मॉनसून की पहली बूंद पड़ते ही धरती के अंदर से ये ‘सोने की चिड़िया’ निकलना शुरू हो जाती है.
सेहत का खजाना, बीमारियों का दुश्मन!
पुटू सिर्फ महंगी ही नहीं, बल्कि सेहत का भी खजाना है. ये हाई प्रोटीन डाइट है, जिसमें कार्बन, फॉस्फोरस और कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है. डाइटीशियन सुमन सिंह बताती हैं कि इसमें मुख्य रूप से प्रोटीन ही प्रोटीन है. महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों, सबके लिए ये किसी रामबाण से कम नहीं. खासकर बच्चों के शारीरिक विकास के लिए तो इसे वरदान कहा जाता है. महिलाओं की स्किन और बालों की समस्याओं में भी ये खूब काम आती है.
बायोटेक साइंटिस्ट और मशरूम एक्सपर्ट डॉक्टर प्रशांत बताते हैं कि पुटू साल और सागौन के जंगलों में पाया जाता है, जहां फंगल एक्टिविटी ज्यादा होती है. इसमें कार्बोहाइड्रेट कम होने की वजह से ये डायबिटीज और दिल के मरीजों के लिए भी बेहद फायदेमंद है. पुटू दो तरह की होती है – एक सफेद और दूसरी हल्की भूरे रंग की. बस्तर में इसे ‘भुडू’ के नाम से भी जानते हैं. वैसे सरगुजा में जंगली मशरूम की 28 प्रजातियां मिलती हैं, लेकिन सारी खाने लायक नहीं होतीं, कुछ तो जहरीली भी होती हैं!
सावधान! पुटू खाने से पहले ये जान लो वरना...
सुमन सिंह की मानें तो पुटू के कुछ नुकसान भी हैं. “पुटू खाने के बाद उल्टी-दस्त की शिकायत हो सकती है. गांवों में डायरिया जैसे लक्षण देखे जाते हैं. पुटू अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए क्योंकि ये हाई प्रोटीन डाइट है. इसके साथ ही बासी या पुराना पुटू तो बिल्कुल नहीं खाना चाहिए. पुटू का बाहरी हिस्सा काफी सख्त होता है, जो आसानी से पचता नहीं है. इसलिए इसे अच्छे से नमक और गर्म पानी से धोकर ही इस्तेमाल करें.” डॉक्टर प्रशांत भी चेताते हैं कि कलरफुल पुटू या खुखड़ी में एल्केलाइट होता है, जो जहरीला होता है. तो भई, खरीदने से पहले पहचान लेना, कहीं लेने के देने न पड़ जाएं!
गिर गए दाम, फिर भी चिकन-मटन से महंगी!
अंबिकापुर और सरगुजा, जंगल बाहुल्य क्षेत्र होने की वजह से यहां पुटू आसानी से मिलती है. जब ये सब्जी पहली बार बाजार में आई थी, तो इसकी कीमत 1200 रुपये प्रति किलो थी. उसके बाद ये लगातार एक हजार रुपये प्रति किलो बिकती रही. लेकिन अभी, तेज बारिश के मौसम में इसके दाम थोड़े गिरे हैं और ये 600 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. बावजूद इसके, ये चिकन और मटन से अभी भी कहीं ज्यादा महंगी है. दरअसल, बारिश ज्यादा होने पर ये सब्जी खराब होने लगती है, इसलिए किसान इसे कम दाम पर बेच देते हैं, ताकि नुकसान न हो.
तो अगली बार जब छत्तीसगढ़ जाएं, तो इस ‘करोड़पति’ सब्जी का स्वाद जरूर चखना, लेकिन पूरी सावधानी के साथ! आपकी सेहत से बढ़कर कुछ नहीं!