- मिट्टी के बर्तनों की सफाई रोज़ नहीं की तो सेहत को खतरा
- नींबू, बेकिंग सोडा और सिरका बना सकते हैं बेस्ट क्लीनर
- मटका धोने के बाद धूप में सुखाना है बेहद ज़रूरी
गर्मियों की तपती दोपहरी हो या ऑफिस से लौटते वक्त की थकान… मटके का ठंडा पानी मिल जाए तो मजा ही कुछ और होता है। पर क्या आपने कभी सोचा है कि जिस घड़े से आप रोज़ ठंडक लेते हैं, वो घड़ा खुद कितना साफ है?
आजकल फिर से लोग मटका यूज़ करने लगे हैं, लेकिन ज़्यादातर को इसे मेंटेन करना नहीं आता। और वहीं हो जाती है बड़ी गलती।
क्यों है मटका साफ रखना जरूरी?
मिट्टी के बर्तनों में नमी बनी रहती है। ऐसे में अगर सफाई में लापरवाही की गई, तो उसमें फफूंद और बैक्टीरिया घर बना लेते हैं। अगर आप दो दिन तक बिना बदले पानी भरकर रखते हैं, तो उसमें भी कीटाणु पैदा हो सकते हैं। यानी आप समझ रहे हैं न? ठंडा पानी आपको बीमार भी कर सकता है।
रिसर्च भी कहती है – मटका सेफ है, पर शर्तें लागू
मिस्र के पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन और भारत के ICMR व नेशनल न्यूट्रिशन इंस्टीट्यूट के मुताबिक, मिट्टी के बर्तनों का पानी प्लास्टिक की बोतलों से ज्यादा सेफ है। लेकिन बस तभी, जब उसे सही से धोया जाए।
कैसे करें रोजाना सफाई?
1. घड़ा खाली करें:
सबसे पहले मटके से पानी निकाल लें। बाहर से स्पंज या मुलायम कपड़े से साफ करें।
2. अंदर हाथ न डालें:
घड़े के अंदर हाथ डालकर रगड़ने से उसकी ठंडक देने की क्षमता घट सकती है।
3. नींबू-सोडा-सिरका जादू:
एक चम्मच बेकिंग सोडा, एक चम्मच सिरका और थोड़ा नमक मिलाकर पेस्ट बनाएं। इसे मटके के अंदर डालें और ब्रश से धीरे-धीरे साफ करें। दुर्गंध भी उड़नछू हो जाएगी।.
4.नींबू का झटका:
पानी में नींबू का रस और उसके छिलके डालकर उबालें। फिर ये पानी मटके में डालें और कुछ देर बाद फेंक दें। ठंडे पानी से धोकर रख दें।
ये आदतें बना लें वरना पछताएंगे
पानी रोज़ बदलें: दो-तीन दिन एक ही पानी रखने से मटका फ्रिज की जगह बीमारियों का घर बन सकता है।
धूप में सुखाएं: धोने के बाद मटका कुछ मिनटों के लिए धूप में रख दें। इससे नमी हटेगी और फफूंद नहीं पनपेगी।
आखिरी बात – मटका रखो, पर ध्यान से
मटके का पानी जितना सुकून देता है, उतना ही सख्त नियम भी मांगता है। रोज़ की थोड़ी-सी मेहनत आपको ठंडा पानी तो देगी ही, साथ ही बीमारियों से भी बचाएगी।तो अगली बार जब मटके से पानी लो, पहले उसे साफ करना न भूलो। तभी मजा है, वरना सज़ा है!