- खुद को सांप ने डसा, तब बाबा भागे अस्पताल!
- डॉक्टरों ने बचाई जान, बाबा को आया असली ज्ञान
- अब कह रहे, ‘सांप काटे तो सीधे अस्पताल जाओ!’
छत्तीसगढ़ के जशपुर में एक ऐसा मजेदार और सबक सिखाने वाला किस्सा सामने आया है, जिसे सुनकर आप अपनी हंसी नहीं रोक पाएंगे और उन तमाम झाड़-फूंक वालों पर भी जोरदार तंज कसेंगे, जो आज भी भोले-भाले लोगों की जान से खिलवाड़ करते हैं। यहां एक ऐसे ‘बाबा’ को जहरीले सांप ने काट लिया, जो खुद को सर्पदंश का झाड़-फूंक से इलाज करने का माहिर बताते थे। लेकिन जैसे ही नागराज ने उन्हें अपना परिचय दिया, बाबा की सारी ‘मंत्र-शक्ति’ धरी की धरी रह गई और वो सीधे अस्पताल की शरण में जा पहुंचे। सोचिए, जो बाबा लोगों को सांप के काटने पर अस्पताल जाने से रोकते थे, आज खुद अस्पताल के डॉक्टरों की मेहरबानी से जिंदा हैं। इसे कहते हैं नियति का खेल!
‘सर्पदंश वाला बाबा’ जब खुद फंसे नाग के जाल में
जशपुर जिले के पत्थलगांव सिविल अस्पताल में गुरुवार को एक ऐसी घटना सामने आई, जिसने सबको चौंका दिया। रायगढ़ जिले के बरपाली चरखपारा गांव के 40 साल के शंकर यादव साहब, जो इलाके में ‘झाड़-फूंक वाले बाबा’ और ‘सांप पकड़ने वाले विशेषज्ञ’ के नाम से मशहूर थे, उन्हें एक खतरनाक नागराज ने ही काट लिया। यह घटना तब हुई, जब हमारे बाबा साहब अपने दाहिने हाथ से इस जहरीले सांप को पकड़ने की कोशिश कर रहे थे। अब आप ही बताइए, जो शख्स सालों से लोगों को सांप काटने पर झाड़-फूंक के नाम पर बेवकूफ बनाता रहा, वो खुद एक नाग के आगे कैसे पस्त हो गया? शायद नागराज को भी पता था कि ये बाबा कितना बड़ा ढोंग रचा रहा है।
सांप ने काटा, ‘अंधविश्वास’ ने नहीं, सीधे अस्पताल पहुंचे बाबा!
जैसे ही सांप ने बाबा को डसा, उनकी सारी ‘शक्ति’ काफूर हो गई। फिर क्या था, घर वालों ने देर न करते हुए तुरंत शंकर यादव को पत्थलगांव सिविल अस्पताल पहुंचाया। कमाल देखिए, जिस अस्पताल को ये बाबा खुद ‘अंधविश्वास’ के नाम पर दरकिनार करते थे, आज वही उनकी जीवनरेखा बन गया! अस्पताल में मौजूद स्वास्थ्य टीम ने भी गजब की फुर्ती दिखाई। बिना एक पल गंवाए बाबा को प्राथमिक उपचार दिया गया। एंटी-वेनम इंजेक्शन और दूसरी जरूरी दवाएं समय पर दी गईं। बाबा की जान बचाने वाले डॉक्टर ने बताया कि उन्हें समय पर अस्पताल लाया गया, जो उनकी जान बचाने में सबसे अहम था। डॉक्टर ने साफ शब्दों में कहा, “सर्पदंश के मामलों में तुरंत मेडिकल हेल्प लेना ही जरूरी है।” सोचिए, ये बात कोई और नहीं, एक बाबा की जान बचाने वाला डॉक्टर कह रहा है!
नागराज के एक बाइट ने बदल दी बाबा की दुनिया, अब दे रहे ‘ज्ञान’
डॉक्टरों की मेहनत और समय पर मिले इलाज का नतीजा ये रहा कि शंकर यादव की हालत अब स्थिर है और वो पूरी तरह से स्वस्थ हैं। लेकिन इस पूरी घटना ने बाबा को एक ऐसा सबक सिखाया है, जिसे वो शायद ही कभी भूल पाएंगे। अब ये वही बाबा हैं जो लोगों को ‘झाड़-फूंक’ के नाम पर मौत के मुंह में धकेलने का काम करते थे। लेकिन आज वो खुद कह रहे हैं कि “अगर सांप काटे, तो बिना समय गंवाए सीधे अस्पताल जाओ, झाड़-फूंक के फेर में मत पड़ो।” वाह रे बाबा! सांप ने क्या खूब ज्ञान दिया है आपको! ये घटना उन तमाम लोगों के लिए एक करारा जवाब है, जो आज भी अंधविश्वास के जाल में फंसकर अपनी और अपनों की जान को खतरे में डालते हैं।
सांप काटने पर झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ने से हर साल न जाने कितनी जानें चली जाती हैं। उम्मीद है इस बाबा की कहानी से लोग कुछ सीखें और जान की कीमत समझें, न कि झाड़-फूंक के नाम पर जिंदगी से खिलवाड़ करें। अब तो बाबा खुद ही इस बात की जीती
-जागती मिसाल हैं!