भोपाल: भोपाल की गलियों में इस बार जुमे की नमाज़ के बाद जो तस्वीरें निकलीं, उन्होंने देश को एक अलग ही पैग़ाम दिया। पहलगाम हमले के जवाब में भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद ये पहला शुक्रवार था, और लोगों के दिल में गुस्से के साथ-साथ देश के लिए दुआ भी थी।
नमाज़ के बाद निकले तिरंगे, देशभक्ति के नारे गूंजे
शुक्रवार को जैसे ही नमाज़ खत्म हुई, मस्जिदों से बाहर निकलते लोगों के हाथों में तिरंगे थे। आंखों में जोश और लबों पर एक ही बात– “देश पहले है, बाकी सब बाद में।” राजधानी के कई हिस्सों में लोगों ने भारत की जीत और पाकिस्तान की हार के लिए खुले मंच पर दुआ मांगी। नारे लगे– भारत माता की जय, वंदे मातरम्, और सरहद पर भी जाएंगे, अगर जरूरत पड़ी तो।
ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड की अपील ने बनाई एकजुटता की लहर
इस माहौल के पीछे एक बड़ी भूमिका निभाई ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने। गुरुवार को बोर्ड ने देशभर के इमामों और मस्जिद कमेटियों से अपील की थी कि शुक्रवार को नमाज़ के बाद भारत की सलामती और पाकिस्तान की शिकस्त के लिए दुआ की जाए। भोपाल में इस अपील का असर साफ दिखा।
देश की सुरक्षा के लिए सब एकजुट, यही था असली पैग़ाम
भोपाल की तंग गलियों से लेकर बड़े मैदानों तक एक ही सीन दिखा– एकजुटता का, देशप्रेम का और इरादों की मजबूती का। लोगों ने साफ कहा कि हम मुसलमान पहले नहीं, हिंदुस्तानी पहले हैं। अगर दुश्मन ने आँख उठाई तो हम भी सरहद पर जाने को तैयार हैं।
दुआ में अमन, इरादों में स्टील जैसी मजबूती
कई जगहों पर सामूहिक दुआ में शामिल हुए लोगों ने सिर्फ पाकिस्तान को जवाब देने की बात नहीं की, बल्कि देश में अमन-चैन और शांति के लिए भी प्रार्थना की। ये वो तस्वीर थी जिसने समाज को आईना दिखाया कि धर्म का असली मतलब है देश के लिए खड़ा होना।