बेटी को जन्म देकर गई मां, परिवार बोला- लापरवाही से गई जान
नॉर्मल डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग बढ़ी, डॉक्टर बोले- बच्चेदानी फट गई थी
दुर्ग जिला अस्पताल की सफाई- इलाज में कोई कमी नहीं, फिर भी जान नहीं बची
कुम्हारी के कुगदा गांव की आरती मारकंडे को गुरुवार सुबह 6 बजे परिजन दुर्ग जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। महिला को प्रसव पीड़ा थी, डॉक्टरों ने जांच कर भर्ती कर लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुबह 10:30 बजे नॉर्मल डिलीवरी हुई। आरती ने एक बेटी को जन्म दिया। परिवार में खुशी की लहर थी, लेकिन कुछ ही देर बाद सब बदल गया।
डॉक्टर बोले- खून बहुत बह रहा है
डिलीवरी के बाद अस्पताल स्टाफ ने परिवार को बताया कि महिला का काफी खून बह रहा है। पति लोकेश मारकंडे के अनुसार, उन्होंने 6 यूनिट खून का इंतजाम किया। इसके बाद डॉक्टरों ने बताया कि बच्चेदानी में परेशानी है, और उसे निकालना होगा। परिवार ने परमिशन दी, आरती को ICU में शिफ्ट किया गया। लेकिन लगभग 20-30 मिनट बाद बताया गया कि आरती की मौत हो गई है।
“डिलीवरी नॉर्मल थी, फिर ऐसा क्यों हुआ?”- परिवार का सवाल
मृतका की सास यशोदा ने मीडिया को बताया, “बिल्कुल नॉर्मल डिलीवरी हुई थी, लेकिन फिर अचानक बहुत खून बहने लगा। डॉक्टरों ने कहा कि बच्चेदानी फट गई है।” पति लोकेश ने बताया, “अस्पताल ने कहा पत्नी सीरियस है, खून रुक नहीं रहा है। मैंने ब्लड बैंक से खून का इंतजाम किया, बच्चेदानी निकालने की इजाजत दी, फिर ICU भेजा गया और थोड़ी देर में कहा गया- पत्नी नहीं रही।”
अस्पताल प्रबंधन की सफाई- इलाज में कोई लापरवाही नहीं
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दुर्ग जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. आशीष मिंज ने बयान दिया कि महिला को तुरंत इलाज दिया गया। बच्चेदानी को निकालने से पहले परिजनों से अनुमति ली गई। डॉक्टरों ने पूरी कोशिश की, लेकिन शायद प्लेटलेट्स की कमी या RH फैक्टर के कारण उसकी जान नहीं बच सकी।
अब परिजन सीएमएचओ से करेंगे शिकायत
आरती के परिजन पूरे मामले को लेकर अब सीएमएचओ से लिखित शिकायत करने की तैयारी में हैं। परिवार की मांग है कि पूरे घटनाक्रम की जांच हो और अगर लापरवाही हुई है तो कार्रवाई हो। बेटी जन्म लेते ही अपनी मां को खो बैठी। और अब एक बड़ा सवाल रह गया है— अगर सबकुछ ‘नॉर्मल’ था, तो फिर आखिर ऐसा ‘अननॉर्मल’ क्या हो गया?