भोपाल: बात है बुधवार रात की है। रिपोर्ट्स के अनुसार जब पाकिस्तान ने बौखलाहट में भारत पर हमला करने की कोशिश की तो उसके निशाने पर थे भारत के 15 बड़े शहर। इनमें कुछ अहम सैन्य ठिकाने भी शामिल थे, लेकिन पाकिस्तान की ये चाल नाकाम हो गई। वजह थी भारत का एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम — S-400 SAM, जिसे एयरफोर्स ने ‘सुदर्शन’ नाम दिया है।
पहली बार हुआ इस्तेमाल, पहला ही वार रहा सटीक
इस ऑपरेशन में पहली बार भारत ने S-400 का एक्टिव इस्तेमाल किया. पाकिस्तान की तरफ से आए ड्रोन और मिसाइलें जैसे ही सीमा में दाखिल हुईं, S-400 ने उन्हें हवा में ही तबाह कर दिया. यानी पाकिस्तान के मंसूबे वहीं राख में बदल गए. भारत का यह ‘सुदर्शन चक्र’ बॉर्डर पर पहले से तैनात था और एक भी घुसपैठ को सफल नहीं होने दिया.
क्या है S-400 SAM, जो बना पाकिस्तान का काल?
S-400 SAM यानी Surface to Air Missile System. मतलब ज़मीन से चलने वाली मिसाइल जो दुश्मन के रॉकेट, मिसाइल या ड्रोन को हवा में ही खत्म कर देती है. यह सिस्टम रूस से आया है और भारत ने इसे करीब 35,000 करोड़ में खरीदा है. 2018 में डील हुई थी, और अब तक तीन स्क्वाड्रन देशभर में तैनात हो चुके हैं।
एक स्क्वाड्रन में क्या-क्या होता है?
हर स्क्वाड्रन में 16 खास वाहन होते हैं – लॉन्चर, रडार, कंट्रोल यूनिट और सपोर्ट व्हीकल्स। यह सिस्टम 600 किलोमीटर तक हवाई खतरे को ट्रैक कर सकता है। यानी दुश्मन का मिसाइल या ड्रोन लॉन्च होते ही S-400 उसे पकड़ लेता है और फिर एकदम सटीक तरीके से उसे खत्म कर देता है।
HQ-9 से क्यों है ज्यादा दमदार?
पाकिस्तान ने अपने एयर डिफेंस के लिए चीन से HQ-9 खरीदा है. लेकिन उसकी रडार रेंज सिर्फ 200 किमी है. वो सिर्फ मिड रेंज मिसाइल को पकड़ पाता है. जबकि भारत के पास जो S-400 है, वो 400 किमी तक टारगेट मार सकता है, वो भी हवा में उड़ते किसी भी टारगेट को चाहे वो ड्रोन हो, फाइटर जेट हो या बैलिस्टिक मिसाइल।
भगवान कृष्ण के सुदर्शन से इंस्पायर
भारतीय वायुसेना ने S-400 को ‘सुदर्शन’ नाम दिया है, भगवान कृष्ण के सुदर्शन चक्र की तर्ज पर. यह नाम ऐसे ही नहीं पड़ा, बल्कि इसकी ताकत भी वैसी ही है. दुश्मन की कोई भी चाल हो, ये उसे दूर से ही काट देता है.
आखिर में बात साफ है…
भारत के पास अब ऐसा डिफेंस सिस्टम है, जो किसी भी पाकिस्तानी हिमाकत को बॉर्डर पर ही खत्म कर देगा। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाक की हिम्मत जवाब दे गई, और S-400 ने साबित कर दिया कि अगर हमला होगा, तो जवाब उसी वक्त मिलेगा — और वो भी बिना एक भी नुकसान के।