भोपाल अब सिर्फ झीलों के लिए नहीं, अजीब-अजीब अपराधों के लिए भी चर्चा में रहने लगा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक ताजा मामला खजूरी इलाके का है, जहां रेस्टोरेंट में काम करने वाले कुक और हेल्पर की तकरार ने ऐसा मोड़ लिया कि एक की जान चली गई। किचन में जिस करछुल से खाना परोसा जाता है, उसी से इस बार मौत परोसी गई।
काम करते-करते गरमा गया माहौल
शनिवार शाम का वक्त था। खजूरी इलाके में 11 मील बाईपास पर एक रेस्टोरेंट में सब कुछ सामान्य चल रहा था। शब्बीर खान नाम का शख्स, जो कोहे-ए-फिजा इलाके का रहने वाला था, वहां कुक की नौकरी करता था। उसके साथ एक युवक, जो बाकानिया से था, किचन हेल्पर था। दोनों रोज की तरह काम कर रहे थे। पर उस दिन नमक मिर्च से ज़्यादा, गालियों का तड़का लग गया।
गाली का जवाब करछुल से!
बातों-बातों में बहस इतनी बिगड़ी कि शब्बीर ने हेल्पर को गाली दे डाली। अब गाली का जवाब कानून से दिया जाना था, पर यहां करछुल उठ गया। गुस्से से लाल युवक ने भारी करछुल उठाया और शब्बीर के सिर पर दे मारा। एक पल में किचन का माहौल बदल गया – जहां खुशबू थी, वहां सन्नाटा पसर गया।
जान बचाने की नहीं, भागने की सोची!
हमले के बाद आरोपी मौके से चुपचाप भाग निकला। शब्बीर वहीं गिर पड़ा – लहूलुहान और बेसुध। थोड़ी देर बाद जब एक अन्य कर्मचारी किचन में आया, तो नज़ारा देखकर उसके होश उड़ गए। रेस्टोरेंट मालिक ने तुरंत एम्बुलेंस बुलाई, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। मेडिकल स्टाफ ने शब्बीर को मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने पकड़ा करछुल वाला कातिल
खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। कुछ ही घंटों में पुलिस ने आरोपी को धर दबोचा और हत्या में इस्तेमाल हुआ करछुल भी जब्त कर लिया। अब केस दर्ज कर आगे की पूछताछ जारी है।
किचन में जान लेकर निकला खाना
इस मामले ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं – क्या गुस्सा अब तवे और करछुल तक पहुंच गया है? क्या मामूली बहसें भी अब जानलेवा बनने लगी हैं? किचन, जो कभी लोगों को भरपेट खिलाने की जगह थी, अब वहां से कभी-कभी ऐसे अपराध निकल रहे हैं जो समाज की भूख नहीं, हिंसा की तासीर दिखाते हैं।
निचोड़:
करछुल खाना बनाने के लिए होता है, खून बहाने के लिए नहीं। भोपाल की इस घटना ने ये साबित कर दिया कि गुस्सा अगर काबू में न रहे, तो हाथ में चाहे करछुल हो या तलवार – नतीजा हमेशा खतरनाक होता है।