- सार्वजनिक स्थान पर पेशाब करने का विरोध करने पर युवक को चाकू से गोद डाला.
- शराब दुकान के बाहर हुई वारदात, लोगों में जबरदस्त गुस्सा, दुकान बंद करने की मांग.
- पुलिस ने 5 आरोपियों पर दर्ज किया मामला, तलाश जारी, सियासत भी गरमाई.
भोपाल: सूबे की राजधानी भोपाल एक बार फिर शर्मसार हुई है. मंगलवार रात गोहलपुर इलाके में खुले में पेशाब करने का विरोध करना एक 27 साल के नौजवान सागर चौधरी को भारी पड़ गया. मामूली सी बात पर विवाद इतना बढ़ा कि सागर को अपनी जान गंवानी पड़ी. उसे सीने और जांघ में चाकू मारकर मौत के घाट उतार दिया गया. यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि सार्वजनिक शिष्टाचार के पतन और शराब माफिया के बढ़ते दुस्साहस की बानगी है. 😠
वारदात की पूरी कहानी: ऐसे हुई पूरी घटना
मंगलवार रात गोहलपुर स्थित स्मार्ट सिटी ऑफिस के पास शराब की एक दुकान के बाहर यह खूनी खेल खेला गया. गोहलपुर पुलिस स्टेशन की प्रभारी प्रतीक्षा मार्को ने बताया कि मृतक सागर चौधरी अपने दोस्तों विशाल और नितिन चौधरी के साथ बैठा था. तभी उन्होंने देखा कि एक शख्स शराब की दुकान के पास खुले में पेशाब कर रहा है. “ये क्या कर रहे हो भाई!” सागर ने शायद यही कहा होगा, बस इतनी सी बात पर हंगामा खड़ा हो गया. पेशाब करने वाले शख्स और उसके साथियों ने सागर को गालियां देना शुरू कर दिया. देखते ही देखते गाली-गलौज मारपीट में बदल गई और फिर हमलावरों ने चाकुओं से सागर पर हमला कर दिया. 🔪
सीने और जांघ में गहरे घाव: इलाज के दौरान तोड़ा दम
हमले में सागर को सीने और जांघ में गंभीर चोटें आईं. लहूलुहान हालत में उसे तुरंत मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां बुधवार दोपहर उसने अंतिम सांस ली. पुलिस के मुताबिक, इस हत्या में भीमा उर्फ भीम सेन, प्रिंस रजक, सुमित उर्फ सुम्मी, राधे और सचिन नाम के पांच आरोपी शामिल हैं. इन सभी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह छापेमारी कर रही है. हालांकि, खबर लिखे जाने तक कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी. यह घटना भोपाल में कानून-व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े करती है. 🚨
गुस्साई जनता सड़क पर: शराब दुकान बंद करने की मांग
सागर की मौत की खबर फैलते ही स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. बुधवार को लोगों ने शराब की दुकान के सामने सागर का शव रखकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. उनकी मुख्य मांग थी कि इस अवैध शराब की दुकान को तुरंत बंद किया जाए. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि यह दुकान अवैध रूप से चलाई जा रही है और इसी के कारण इलाके में अपराध बढ़ गया है. शाम ढलते ही यहां नशे में धुत लोगों का जमावड़ा लग जाता है, जिससे राहगीरों, खासकर महिलाओं के लिए माहौल असुरक्षित हो जाता है. एक नागरिक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “यह दुकान मोहल्ले की शांति को भंग कर रही है. आए दिन कोई न कोई बवाल होता रहता है.” 🤔
पुलिस की कार्रवाई पर निगाहें: क्या मिलेगा न्याय?
पुलिस अधिकारी प्रतीक्षा मार्को ने पुष्टि की कि सागर चौधरी, जो चंडल भाटा का रहने वाला था और स्थानीय कृषि बाजार में मजदूर के तौर पर काम करता था, ने एक व्यक्ति को सार्वजनिक रूप से पेशाब करते हुए देखा तो आपत्ति जताई थी, जिसके बाद यह पूरी घटना घटी. स्थानीय लोगों ने पुलिस से इस मामले में सख्त कार्रवाई करने की मांग की है ताकि सागर को इंसाफ मिल सके और इलाके में शांति बहाल हो. अब देखना यह है कि पुलिस कब तक आरोपियों को गिरफ्तार करती है और इस जघन्य अपराध में शामिल सभी गुनहगारों को सज़ा मिलती है या नहीं. यह सिर्फ सागर की लड़ाई नहीं, यह सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा और सभ्य व्यवहार की लड़ाई है. ✊