31 मई को, जब पूरा देश लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती मना रहा होगा, उसी दिन भोपाल में नारी शक्ति का एक ऐसा विराट संगम होने जा रहा है, जिसकी कल्पना शायद ही किसी ने की होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस “महिला महासम्मेलन” को संबोधित करने आ रहे हैं, और कमाल की बात ये है कि इस पूरे आयोजन की कमान 1 लाख नहीं, बल्कि 1000 महिला कार्यकर्ताओं के हाथों में होगी। जी हाँ, आपने बिल्कुल सही पढ़ा!
1 लाख महिलाएँ, PM मोदी संग संवाद
तारीख नोट कर लीजिए: 31 मई! इस दिन भेल जंबूरी मैदान में पूरे प्रदेश से लगभग 1 लाख महिलाएँ जुटेंगी। ये सिर्फ एक सभा नहीं होगी, बल्कि एक ऐसा संवाद होगा, जहाँ देश के प्रधानमंत्री सीधे नारी शक्ति से मुखातिब होंगे। भाजपा ने इस आयोजन को भव्य बनाने के लिए कमर कस ली है। पार्टी कार्यालय में बाकायदा बैठकों का दौर शुरू हो चुका है, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि सब कुछ एकदम परफेक्शन के साथ हो।
1000 महिलाएँ संभालेंगी कमान, हर जिम्मेदारी उनके हाथ
ये खबर में सबसे ज़्यादा चकाचक बात है! इस महासम्मेलन को सफल बनाने की पूरी जिम्मेदारी भाजपा की 1000 महिला कार्यकर्ताओं के कंधों पर होगी। बैठक में तय हुआ है कि 27 मई को प्रदेश भाजपा कार्यालय में एक बड़ी बैठक होगी, जहाँ इन सक्रिय महिला कार्यकर्ताओं को अलग-अलग टोली दायित्व सौंपे जाएंगे। सोचिए, प्रधानमंत्री का स्वागत करना हो या मंच की व्यवस्था, मीडिया कवरेज संभालना हो या फिर पूरे कार्यक्रम का सुचारु संचालन, हर मोर्चे पर महिलाएँ ही होंगी। ये दिखाता है कि पार्टी नारी शक्ति पर कितना भरोसा कर रही है और उन्हें कितना सशक्त मान रही है।
अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती को समर्पित
इस भव्य आयोजन के पीछे एक और बड़ा कारण है। यह कार्यक्रम लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है। देवी अहिल्याबाई होलकर एक ऐसी शासक थीं, जिन्होंने अपने शासनकाल में न्याय, सुशासन और लोक कल्याण के बेजोड़ उदाहरण पेश किए। उनकी जयंती पर इतना बड़ा महिला सम्मेलन आयोजित करना, उनके मूल्यों और आदर्शों को सम्मान देने जैसा है। प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन महिलाओं को उनकी भूमिका और अधिकारों के प्रति और जागरूक करेगा, और उन्हें राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करेगा।
भोपाल में बैठकों का दौर जारी
भोपाल भाजपा कार्यालय में 31 मंडलों की बैठकें हो चुकी हैं, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएँ शामिल हुई हैं। ये बैठकें इस बात का सबूत हैं कि कार्यकर्ताओं में कितना उत्साह है और वे इस आयोजन को लेकर कितने गंभीर हैं। हर छोटे से छोटे पहलू पर ध्यान दिया जा रहा है, ताकि 31 मई का दिन वास्तव में यादगार बन सके। महिलाएं खुद पीएम मोदी को रिसीव करने से लेकर मंच पर स्वागत करने तक, और कार्यक्रम के दौरान मीडिया कवरेज की व्यवस्था संभालने तक, हर चीज में आगे होंगी।
कुल मिलाकर, भोपाल 31 मई को सिर्फ एक बड़ा आयोजन नहीं, बल्कि नारी शक्ति के उदय और सशक्तिकरण का एक नया अध्याय लिखने जा रहा है। जब प्रधानमंत्री मोदी एक लाख महिलाओं के बीच होंगे और 1000 महिलाएँ पूरे कार्यक्रम की कमान संभालेंगी, तो यकीनन ये तस्वीरें और संदेश पूरे देश में गूंजेंगे। यह सिर्फ एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर और सशक्त भारत की एक नई तस्वीर होगी, जिसमें महिलाएं हर कदम पर आगे होंगी!