- मध्य प्रदेश में अब सांप का काटना भी आपदा, सरकार का बड़ा ऐलान।
- सर्पदंश से हजारों मौतें, अब शहर से गांव तक चलेगा ‘सेफ्टी मिशन’।
- ट्रेनिंग, हेल्पलाइन और जागरूकता से बचेगी जान, सरकार की पूरी तैयारी।
भोपाल : खबर है अपने मध्य प्रदेश से, जहां अब तक बिच्छू-मच्छर से तो डरते ही थे, लेकिन अब सरकार ने सांप के डंक को भी आपदा मान लिया है! जी हां, आपने बिल्कुल सही सुना। शिवराज सरकार ने एक बड़ा ऐलान करते हुए सर्पदंश की बढ़ती घटनाओं को आपदा की श्रेणी में डाल दिया है। दरअसल, ये कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि पिछले साल हमारे सूबे में करीब 2500 लोगों ने सांप के काटने से अपनी जान गंवा दी थी। ये आंकड़ा किसी बड़े भूकंप या बाढ़ से कम नहीं, जिसने सरकार की नींद उड़ा दी है!
सरकार की बढ़ी चिंता, क्यों बढ़ रहे हैं सर्पदंश के मामले?
जनाब, ये सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि जानमाल का बड़ा नुकसान है। पिछले साल ढाई हजार मौतों का आंकड़ा वाकई डराने वाला है। जानकार बताते हैं कि बारिश के मौसम में सांपों के काटने की घटनाएं तेजी से बढ़ती हैं। वजह साफ है – जब सांपों के प्राकृतिक घर, यानी बिलों में पानी भर जाता है, तो वो बेचारे इंसानी बस्तियों की तरफ भागते हैं। ऐसे में उनकी सक्रियता बढ़ जाती है और इंसानों से उनका आमना-सामना होने पर वे खुद को बचाने के लिए डंक मार देते हैं। इसी बढ़ती चिंता को देखते हुए सरकार अब एक्शन मोड में आ गई है।
‘सेफ्टी मिशन’ का खाका तैयार, गांव-गांव तक पहुंचेगी मदद!
सरकार ने इस जानलेवा खतरे से निपटने के लिए एक फुलप्रूफ प्लान तैयार किया है, जिसे नाम दिया जा सकता है ‘सर्पदंश सेफ्टी मिशन’। इसके तहत शहर से लेकर गांव की चौपाल तक, हर जगह लोगों को जागरूक किया जाएगा। सोचिए, अब स्कूल-कॉलेज में बच्चों को सांपों के खतरों और प्राथमिक उपचार के बारे में बताया जाएगा। ये बिल्कुल वैसा ही है जैसे स्कूलों में आग बुझाने या भूकंप से बचने की ट्रेनिंग दी जाती है।
पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण, ताकि हर जान बचे!
सरकार ने निर्देश दिए हैं कि पंचायत स्तर तक लोगों को ट्रेनिंग दी जाए। इसमें सिविल डिफेंस के जवान, आपदा मित्र वॉलंटियर, ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ता और यहां तक कि पंचायत सदस्य भी शामिल होंगे। इन्हें सांपों की पहचान, सर्पदंश होने पर तुरंत क्या करें और प्राथमिक उपचार कैसे दें, ये सब सिखाया जाएगा। इसके अलावा, स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से गांव और शहरी वार्डों में जागरूकता कार्यक्रम चलेंगे। कृषि विभाग भी अपने स्तर पर गांवों में चौपाल लगाकर सर्पदंश से बचाव की जानकारी देगा। कुल मिलाकर, सरकार का इरादा साफ है – जानकारी घर-घर पहुंचे, ताकि कोई भी अज्ञानता के चलते अपनी जान न गंवाए।
हेल्पलाइन नंबर होंगे जारी, ‘सर्प मित्र’ बनेंगे मददगार!
एक और बहुत बड़ा कदम जो सरकार उठाने जा रही है, वो है हेल्पलाइन नंबर जारी करना। यानी, अगर किसी को सांप काट ले या घर के आसपास सांप दिखे, तो तुरंत मदद मिल सकेगी। इतना ही नहीं, सरकार प्रशिक्षित ‘स्नेक कैचर्स’ या ‘सर्प मित्रों’ को पंचायत और वार्ड स्तर पर तैनात करेगी। ये वही लोग होंगे जो सांपों को पकड़ने और उन्हें सुरक्षित जगह छोड़ने में माहिर होंगे। ये सुनकर तो ‘लल्लनटॉप’ वाली फीलिंग आ रही है ना!
अब सांप दिखा तो घबराना नहीं, बस एक कॉल लगाना है।
मध्य प्रदेश सरकार का ये ऐलान न सिर्फ लाखों लोगों की जान बचाएगा, बल्कि सर्पदंश को लेकर समाज में फैली भ्रांतियों को भी दूर करेगा। ये एक ऐसा कदम है जो आपदा प्रबंधन की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।