- “मराठी बोलो, तभी दूंगा पैसे”, डिलीवरी बॉय को धमकाया
- वीडियो वायरल, लोगों में गुस्सा
- मुंबई में फिर से उठा भाषा विवाद
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मुंबई की गलियों में एक बार फिर भाषा की बिजली गिराई गई है। भांडुप इलाके की एक रिहायशी बिल्डिंग में ऐसा तमाशा हुआ जिसने फिर से ये सवाल खड़ा कर दिया है—क्या मुंबई में अब रोज़ कमाने-खाने वालों को पहले भाषा का टेस्ट देना होगा?
मराठी बोलो वरना पैसे नहीं मिलेंगे
डोमिनोज़ पिज्जा का डिलीवरी बॉय रोहित लेवरे रात को ऑर्डर लेकर साईं राधे बिल्डिंग पहुंचा। लेकिन वहां उसे पिज्जा के पैसे नहीं दिए गए। वजह? उसे मराठी नहीं आती थी। ग्राहक ने सरेआम कहा—”पैसे तभी मिलेंगे जब मराठी बोलेगा।”
इस पूरी घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर ताबड़तोड़ वायरल हो रहा है। वीडियो 1 मिनट 4 सेकेंड का है जिसमें ग्राहक डिलीवरी बॉय से बहस करता नजर आता है।
विरोध किया तो बोले- ‘ऑर्डर खराब है’
जब डिलीवरी बॉय ने ग्राहक के इस रवैये पर आपत्ति जताई, तो दूसरा पैंतरा चला गया। ग्राहक ने कहा कि ऑर्डर खराब है। मतलब, पहले तो भाषा की आड़ में पैसे देने से इंकार और फिर क्वालिटी का बहाना।
सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा
वीडियो वायरल होते ही ट्विटर, इंस्टा और फेसबुक पर यूजर्स ने ग्राहक की खूब लानत-मलानत की। लोगों ने लिखा—”क्या अब गरीबों को दो वक्त की रोटी कमाने के लिए भाषा की परीक्षा देनी पड़ेगी?”
कुछ ने कहा—”किसी की मेहनत का इतना अपमान करना बंद करो।”
अब तक कोई पुलिसिया कार्रवाई नहीं
घटना भांडुप पुलिस की सीमा में हुई है लेकिन अब तक पुलिस की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लोगों को याद आ गया मनसे का वो दौर जब हिंदी बोलने पर लोगों की पिटाई होती थी। तब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साफ कहा था—”मराठी सीखनी चाहिए, पर गुंडागर्दी नहीं चलेगी।”
भाषा का सम्मान ज़रूरी, पर ज़बरदस्ती नहीं
भाषा से प्यार हो सकता है, होना भी चाहिए। लेकिन ज़बरदस्ती में सम्मान नहीं मिलता, ज़ुल्म पनपता है। इस देश की खूबसूरती ही इसकी भाषाई विविधता है। किसी को रोटी सिर्फ इसलिए न मिले कि वो ‘आपकी भाषा
‘ नहीं बोलता—ये सोच ही खतरनाक है।