- उमस में एसी का सही तापमान क्या हो, जानिए.
- ड्राई मोड करेगा बिजली बिल आधा, कूलिंग देगा धांसू.
- एसी की साफ-सफाई है जरूरी, वरना होगा नुकसान.
बारिश का मौसम आ गया है. चिलचिलाती गर्मी से राहत तो मिली है, पर उमस ने जीना हराम कर दिया है. ऐसे में अगर आप भी एसी के बिना एक पल नहीं रह पाते, तो ये खबर आपके लिए है. एसी को मानसून में कैसे दुरुस्त रखें, ताकि वो बर्फ जैसी ठंडक देता रहे और आपकी जेब पर भी भारी न पड़े, जानिए इस लल्लनटॉप रिपोर्ट में!
उमस में AC का ‘सही मूड’ कैसे बनाएं?
गर्मी में तो एसी दिन-रात चलता ही है, पर मानसून में भी इसकी जरूरत पड़ती है. क्यों? क्योंकि बारिश में उमस इतनी बढ़ जाती है कि शरीर चिपचिपा हो जाता है. ऐसे में बिना एसी के रहना मुश्किल. आप में से बहुत से लोग जो पूरे दिन ऑफिस में एसी की हवा खाते हैं, उन्हें तो घर आकर भी एसी चाहिए होता है. लेकिन, मानसून में एसी चलाते वक्त एक बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है: तापमान! जी हाँ, बारिश में एसी का तापमान 25 से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच रखना चाहिए. इससे कमरा तो ठंडा रहेगा ही, साथ ही नमी का स्तर भी कंट्रोल में रहेगा. और हाँ, एसी का ‘मूड’ भी खराब नहीं होगा, यानी वो मस्त चलेगा और आपको बर्फ जैसी ठंडक देगा!
‘ड्राई मोड’ का कमाल, बिजली बिल बेहाल!
क्या आप जानते हैं कि आपके एसी में एक खास ‘ड्राई मोड’ भी होता है? अगर नहीं, तो अब जान लीजिए. मानसून में जब उमस सताए, तो एसी को ड्राई मोड (Dry Mode) में चलाइए. ये मोड न सिर्फ कमरे से नमी को खींचकर आपको गर्मी से राहत देगा, बल्कि आपके बिजली के बिल को भी कम करेगा. सोचिए, एक पंथ दो काज! इससे एसी के कंप्रेसर पर भी ज़्यादा लोड नहीं पड़ेगा, जिससे उसकी उम्र भी लंबी होगी. तो अगली बार जब भी चिपचिपाहट महसूस हो, तुरंत एसी को ड्राई मोड पर सेट कर दें.
बारिश से बचाएं AC की ‘जान’!
आपका एसी यूनिट कहाँ लगा है? अगर वो बालकनी में बाहर या छत पर है, तो भाईसाहब, उसे बारिश से बचाना बेहद जरूरी है. लगातार पानी पड़ने से वो खराब हो सकता है, शॉक लगने का खतरा रहता है, और उसकी वायरिंग में भी दिक्कत आ सकती है. तो, समझदारी इसी में है कि एसी यूनिट को ढक कर रखें या ऐसी जगह लगाएं जहाँ वो सीधे बारिश के पानी से बच सके. ये छोटी सी सावधानी आपके बड़े खर्चों को बचा सकती है.
लाइट गई, तो एसी को भी कहें ‘गुड बाय’!
बारिश के मौसम में लाइट का आना-जाना लगा रहता है. ऐसे में अगर आप सीधे स्विच बोर्ड में एसी का प्लग लगाकर इस्तेमाल करते हैं, तो भैया, सावधान! बार-बार बिजली जाने और आने से एसी खराब हो सकता है. इससे बचने के लिए स्टेबलाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए. स्टेबलाइजर बिजली की आपूर्ति को कंट्रोल में रखता है और वोल्टेज के उतार-चढ़ाव से आपके एसी को सुरक्षित रखता है. तो, अपने एसी की सुरक्षा के लिए स्टेबलाइजर को अपना साथी बनाइए.
साफ-सफाई है सबसे बड़ी ‘दवाई’!
कोई भी मशीन हो, उसकी लंबी उम्र के लिए साफ-सफाई और सर्विसिंग जरूरी है. मानसून में तो एसी की खास देखभाल करनी पड़ती है. एसी के फिल्टर को नियमित रूप से साफ करते रहें, ताकि उसमें धूल-गंदगी न जमा हो. गंदगी जमा होने से एसी की कूलिंग कम होती है और उस पर लोड ज़्यादा पड़ता है. इसके अलावा, समय-समय पर एसी की सर्विसिंग भी कराते रहें. इससे कोई भी बड़ी समस्या होने से पहले ही पता चल जाएगी और आपका एसी खराब होने से बच जाएगा. याद रखिए, साफ-सफाई ही एसी की सबसे बड़ी ‘दवाई’ है!