- एमपी की कला अब फ्रांस में दिखेगी, संस्कृति का नया ठिकाना!
- पर्यटन बढ़ेगा, दोस्ती और गहरी होगी – फ्रांस-भारत की नई कहानी!
- कलाकार झूम उठेंगे, विदेशी मेहमान आएंगे – ये तो है डबल धमाल!
लो भई! मध्य प्रदेश की माटी की खुशबू अब फ्रांस तक पहुँचने वाली है! एक ऐसा ऐतिहासिक समझौता हुआ है, जिसने एमपी की संस्कृति को सीधा वैश्विक मंच पर बिठा दिया है. मुख्यमंत्री मोहन यादव की मौजूदगी में समत्व भवन में ये एमओयू (समझौता ज्ञापन) साइन हुआ है, जो मध्य प्रदेश को भारत और फ्रांस के बीच सांस्कृतिक और पर्यटन सहयोग का एक नया केंद्र बना देगा. अब सोचिए, अपने खजुराहो के मंदिर, भीमबेटका की गुफाएँ और मालवा के लोकनृत्य जब फ्रांस में धूम मचाएँगे तो कैसा लगेगा? एकदम झक्कास, है ना! 🤩
कौन-कौन था इस ऐतिहासिक पल का गवाह?
इस बड़े समझौते पर दस्तखत करने वालों में भारत में फ्रांस के राजदूत डॉ. थिएरी मथौ, अपने मध्य प्रदेश के प्रमुख सचिव पर्यटन शिव शेखर शुक्ला और अलायंस फ्रांसेज डी भोपाल के अध्यक्ष अखिलेश वर्मा शामिल थे. इनकी तिकड़ी ने मिलकर एमपी की संस्कृति के लिए एक नया दरवाज़ा खोल दिया है.
तीन साल की दोस्ती, फिर आगे भी रहेगी जारी!
ये दोस्ती कोई छोटी-मोटी नहीं, पूरे तीन साल के लिए हुई है. और हाँ, अगर सब कुछ बढ़िया चलता रहा, तो इसे आगे भी बढ़ाया जाएगा. सीएम मोहन यादव ने बड़े जोश के साथ कहा कि भारत और फ्रांस के रिश्ते तो हमेशा से ही बड़े मज़बूत रहे हैं, लेकिन जब से अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस गए हैं, तब से तो ये दोस्ती और गहरी हो गई है. उन्होंने ये भी बताया कि एमपी अब सिर्फ संस्कृति ही नहीं, बल्कि व्यापार के क्षेत्र में भी फ्रांस के साथ मिलकर काम करने को तैयार है. और एक अंदर की खबर, अगले महीने सीएम खुद फ्रांस जा सकते हैं! लग रहा है, कुछ बड़ा प्लान हो रहा है! 👀
कलाकारों की लॉटरी लगी, पर्यटन का बूम आया!
इस समझौते से हमारे मध्य प्रदेश के कलाकारों की तो जैसे लॉटरी ही लग गई है. अब उन्हें अपनी कला दिखाने के लिए ग्लोबल मंच मिलेगा. और हाँ, सिर्फ कलाकार ही नहीं, फ्रांस और यूरोप से आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी ज़बरदस्त इज़ाफ़ा होगा. सोचिए, विदेश से लोग अपने यहाँ की कला, संस्कृति और मेहमान नवाज़ी देखने आएँगे, तो कितना बढ़िया रहेगा! ये तो टूरिज्म के लिए भी एक गेम चेंजर साबित होगा.
रिश्ते होंगे और प्रगाढ़, खुलेंगे नए रास्ते!
फ्रांस के राजदूत थियरी मथौ भी इस समझौते से खासे खुश हैं. उन्होंने कहा कि एमपी सरकार के साथ ये सहयोग स्थापित करके उन्हें बड़ी खुशी हो रही है. फ्रांस खास तौर पर पर्यटन, सुरक्षा, शिक्षा और पर्यावरण पर काम करता है. उनका मानना है कि इस एमओयू से दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंध और मजबूत होंगे और कला, शिक्षा और पर्यटन के क्षेत्र में नए अवसर खुलेंगे. ये तो एक विन-विन सिचुएशन है गुरु! दोनों देशों को फायदा होगा. 🤝
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की झड़ी लगेगी! तो अब होगा क्या?
इस एमओयू के बाद दोनों देश मिलकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की झड़ी लगाने वाले हैं. इसमें कला उत्सव, प्रदर्शनियां, नृत्य प्रदर्शनियाँ, फिल्म स्क्रीनिंग और संस्कृति से जुड़ी ढेर सारी चीज़ें होंगी. सोचिए, कभी भोपाल में फ्रेंच जैज़ कॉन्सर्ट होगा, तो कभी फ्रांस में अपने बुंदेली लोकगीत गूँजेंगे! और तो और, हर साल इंडो-फ्रेंच सांस्कृतिक कैलेंडर भी तैयार किया जाएगा, ताकि पता चले कि कब कौन सा जलसा कहाँ हो रहा है. इसके अलावा, मध्य प्रदेश पर्यटन अब फ्रेंच भाषा में भी अपनी प्रचार सामग्री तैयार करेगा, ताकि फ्रांस से आने वाले मेहमानों को कोई दिक्कत न हो. ये तो लल्लनटॉप प्लानिंग है! 🔥