- मंडप में हल्दी लगवा रहा था आरोपी, पुलिस ने मौके से धरदबोचा
- दूसरी शादी की तैयारी कर रहा था हेड कांस्टेबल, पहले से है शादीशुदा
- नौकरी के नाम पर 16 लाख ठगे, महिला से शारीरिक शोषण का भी आरोप
छत्तीसगढ़ के कवर्धा में गुरुवार को वो नजारा देखने को मिला जिसे देखकर हर कोई चौंक गया। जहां एक तरफ मंडप में हल्दी की रस्म चल रही थी, वहीं दूसरी तरफ पुलिस की टीम दूल्हे को पकड़ने पहुंच गई। दूल्हा कोई आम आदमी नहीं, बल्कि इंटेलिजेंस ब्यूरो (एसआईबी) में तैनात हेड कांस्टेबल बहादुर सिंह मेरावी था। पुलिस ने उसे वहीं मंडप से गिरफ्तार कर लिया, क्योंकि उस पर गंभीर आरोप लगे थे – दूसरी शादी करने का, नौकरी के नाम पर ठगी करने का और एक महिला से शारीरिक शोषण करने का।
गोपनीय सैनिकों ने खोली पोल
पूरा मामला तब सामने आया जब भीरा निवासी गोपनीय सैनिक मुकेश मरकाम और उसके दो साथियों ने 15 मई को सीटी कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि बहादुर सिंह मेरावी ने पुलिस भर्ती में नौकरी लगवाने के नाम पर तीन लोगों से कुल 16 लाख रुपये ठगे। ये सुनते ही पुलिस एक्शन में आई और जांच शुरू कर दी।
महिला की शिकायत से खुला दूसरा मोर्चा
16 मई को एक महिला भी कोतवाली पहुंची और बहादुर सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। उसने बताया कि आरोपी ने न सिर्फ उससे नौकरी के नाम पर लाखों ठगे, बल्कि उसका शारीरिक शोषण भी किया। महिला की शिकायत के बाद मामला और गंभीर हो गया।
दूल्हा बना आरोपी, मंडप से सीधे हवालात
पुलिस ने जैसे ही जानकारी जुटाई, तुरंत मंडप पर पहुंची जहां बहादुर सिंह हल्दी की रस्म करवा रहा था। वर्दी में आए पुलिसकर्मियों ने सबके सामने दूल्हे को पकड़ लिया और मंडप से सीधे अपने साथ ले गए। जांच में ये भी साफ हुआ कि बहादुर सिंह पहले से शादीशुदा है, बावजूद इसके वो दूसरी शादी रचाने जा रहा था।
एडिशनल एसपी ने दी पुष्टि
एडिशनल एसपी पंकज पटेल ने खुद इस गिरफ्तारी की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि “15 मई को तीन गोपनीय सैनिकों ने ठगी की शिकायत दर्ज करवाई थी और 16 मई को एक महिला ने आरोपी पर ठगी और शारीरिक शोषण का आरोप लगाया। इसके बाद आरोपी बहादुर सिंह मेरावी को गिरफ्तार किया गया है।”
पूरा मामला बना चर्चा का विषय
अब इस मामले ने पूरे इलाके में हलचल मचा दी है। एक तरफ कानून की रक्षा करने वाला पुलिसकर्मी, दूसरी तरफ उसी पर गंभीर आरोप। शादी का मंडप जहां खुशियों की जगह होता है, वहां से आरोपी को गिरफ्तार किया गया। लोग कह रहे हैं – “इंसाफ का असली रंग तो तब दिखता है जब वर्दी वाला ही वर्दी वाले को पकड़ता है।”