- चौहान ने साफ किया – मोहन यादव ही उनके सीएम हैं, अटकलों को दिया करारा जवाब
- सीहोर में विकास कार्यों का लोकार्पण, सीएम यादव भी रहे मौजूद
- पार्टी का आदेश ‘ब्रह्मवाक्य’ और जनता की सेवा ही है असली धर्म
अरे सुनो भई, राजनीति की गलियों में चल रही कानाफूसी और अफवाहों को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक झटके में विराम दे दिया है. 7 जून को मध्य प्रदेश के सीहोर में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने ऐसा बयान दिया, जिसने सारी अटकलों पर पानी फेर दिया. उन्होंने सीधे और साफ शब्दों में कहा कि “मोहन यादव ही मेरे मुख्यमंत्री हैं!” लो भैया, कर लो बात!
सियासी ड्रामा नहीं, सीधा स्टेटमेंट!
शनिवार को शिवराज सिंह चौहान अपने गृह जिले सीहोर के दौरे पर थे. यहां उन्होंने 113 करोड़ रुपये के ताबड़तोड़ विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया. इस मौके पर सूबे के मुखिया यानी डॉ. मोहन यादव भी मौजूद थे. मीडिया में पिछले कुछ समय से शिवराज और मोहन यादव के रिश्तों को लेकर न जाने क्या-क्या बातें चल रही थीं. कोई कह रहा था कि दोनों के बीच सब ठीक नहीं, तो कोई सियासी दूरियों की बात कर रहा था. लेकिन ‘मामा’ के इस बयान ने सारी अटकलबाजियों की हवा निकाल दी. उन्होंने खुले मंच से कहा कि “मोहन यादव मेरे मुख्यमंत्री हैं.” अब इससे ज्यादा और क्या ही कहा जाए!
‘जनता की सेवा ही मेरा धर्म!’
शिवराज सिंह चौहान, जो मध्य प्रदेश में ‘मामा’ के नाम से मशहूर हैं और चार बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं, ने इस मौके पर अपनी राजनीतिक निष्ठा को भी एकदम क्लियर कर दिया. उन्होंने कहा कि एक जनप्रतिनिधि होने के नाते जनता की सेवा करना उनका नैतिक और संवैधानिक कर्तव्य है. जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने दिल खोलकर कहा कि वे डॉ. मोहन यादव के साथ पूरी तरह खड़े हैं. उनका कहना था कि “पार्टी जो काम देती है, मैं उसे पूजा मानकर करता हूं.” उन्होंने अपनी धारणा को एकदम स्पष्ट करते हुए कहा कि मोहन यादव ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और उनकी दूरदर्शिता और विकास की ललक ही प्रदेश को आगे बढ़ा रही है. ये बयान सीधे तौर पर उन लोगों के लिए था जो सियासी समीकरणों में कुछ और ही खिचड़ी पका रहे थे.
‘पार्टी का आदेश, मेरे लिए ब्रह्मवाक्य!’
केंद्रीय कृषि मंत्री बनने के बाद शिवराज सिंह चौहान की यह पहली बड़ी टिप्पणी थी, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान खींचा. उन्होंने मीडिया से भी खास तौर पर अपील की. उन्होंने कहा कि “मीडिया के मित्रों, मैं आपसे कहना चाहता हूं कि इधर-उधर कोई कयास मत लगाना. मोहन यादव मेरे सीएम हैं और हम सभी उनके साथ खड़े हुए हैं.” उन्होंने अपने अंदाज में यह भी कहा कि “यह शिवराज का मार्ग है, इसमें ना दाएं है ना बाएं है.” यह बात दर्शाती है कि पार्टी के भीतर किसी भी तरह के मतभेद की बात निराधार है. उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र बुधनी का भी जिक्र किया, जहां उन्होंने पदयात्रा की. उन्होंने साफ किया कि उनका क्षेत्र उनके लिए परिवार जैसा है और उनका लक्ष्य है कि बुधनी और पूरे क्षेत्र को विकसित भारत के लिए एक मॉडल बनाया जाए. ये सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि एक बड़ा संदेश है कि मध्य प्रदेश में बीजेपी का संगठन और सरकार एक साथ, एक धुनमें काम कर रहे हैं.