हाइलाइट्स:
- उज्जैन सांसद ने ट्रांसफर और गन लाइसेंस के लिए ऑफिस में सूचना लगवाई
- रोज आ रहे 10-20 लोग, सांसद बोले- मेरा काम नहीं ट्रांसफर करवाना
- तबादला नीति आते ही सांसद के ऑफिस में लगने लगी भीड़
भोपाल/उज्जैन:मध्य प्रदेश में ट्रांसफर पॉलिसी क्या आई, नेताओं के दफ्तरों पर भीड़ लग गई। उज्जैन-आलोट से सांसद अनिल फिरोजिया को तो रोजाना 10 से 20 लोग ट्रांसफर की सिफारिश करवाने आ रहे हैं। हालात बिगड़ते देख अब उन्होंने अपने ऑफिस के बाहर दो साफ-साफ पर्चे चिपका दिए – ‘ट्रांसफर और शस्त्र लाइसेंस के लिए संपर्क न करें।’
तबादला नीति आते ही लगी सिफारिश की भीड़
प्रदेश में सामान्य प्रशासन विभाग ने ट्रांसफर पॉलिसी-2025 लागू कर दी है। इसके तहत 30 मई तक शासकीय कर्मचारियों का तबादला किया जा सकता है। बस फिर क्या, बड़ी संख्या में कर्मचारी सांसदों के पास अनुशंसा पत्र बनवाने पहुंचने लगे। उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया के दफ्तर पर भी रोज सिफारिश लेने वालों की कतार लगने लगी।
‘ये मेरा काम नहीं, इसलिए बोर्ड लगा दिया’
स्थिति से परेशान होकर सांसद ने अपने सेठी नगर स्थित कार्यालय पर सूचना चस्पा कर दी है – “ट्रांसफर के लिए संपर्क न करें।” सांसद ने साफ कहा कि ट्रांसफर करवाना मेरा काम नहीं है और रोजाना 10 से 20 लोगों को मना करते-करते थक गया हूं। इसलिए अब पहले ही सूचना लगा दी है ताकि लोग परेशान न हों।
गन लाइसेंस पर पहले से ही रोक
सिर्फ ट्रांसफर ही नहीं, शस्त्र लाइसेंस की सिफारिश के लिए भी लोग सांसद के पास पहुंचते हैं। इस पर भी उन्होंने साफ मना कर दिया है। सांसद ने बताया कि जब वे विधायक थे, तब से ही उनके कार्यालय पर एक बोर्ड लगा है – “शस्त्र लाइसेंस के लिए संपर्क न करें।” उनका कहना है कि यह उनका कार्यक्षेत्र नहीं है, इसलिए लोगों को बेवजह उम्मीद न रहे।
जनता को भी समझना होगा अपना-पराया काम
दरअसल, तबादला नीति के लागू होते ही सरकारी कर्मचारी नेताओं के पास सिफारिशों की झोली लेकर पहुंच जाते हैं। लेकिन सांसद फिरोजिया ने बिल्कुल सीधा और पारदर्शी संदेश दे दिया है – “जो मेरा काम नहीं, उसमें क्यों पड़ूं?” अब ये बोर्ड न सिर्फ बाकी जनप्रतिनिधियों के लिए मिसाल है, बल्कि उन कर्मचारियों के लिए भी साफ चेतावनी है जो शॉर्टकट ढूंढते हैं।