- स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में छत्तीसगढ़ के 7 शहरों को राष्ट्रीय पुरस्कार
- राष्ट्रपति मुर्मू 17 जुलाई को दिल्ली में करेंगी सम्मानित
- बिलासपुर से लेकर बिश्रामपुर तक सफाई में बजाया डंका
छत्तीसगढ़ एक बार फिर सफाई के मैदान में पूरे देश में छा गया है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में राज्य के 7 शहरी स्थानीय निकायों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिलने जा रहा है। इस बार का पुरस्कार सिर्फ नाम का नहीं, बल्कि पूरे राज्य की मेहनत, सोच और साफ-सफाई की पक्की नीयत का नतीजा है।
17 जुलाई को राष्ट्रपति देंगी अवॉर्ड
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 17 जुलाई को दिल्ली में एक खास कार्यक्रम में इन शहरों को पुरस्कार सौंपेंगी। ये सर्वेक्षण भारत सरकार के आवास और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा हर साल किया जाता है, जिसमें देशभर के शहरों और कस्बों की सफाई की स्थिति जांची जाती है।
किसे मिला कौन सा अवॉर्ड?
छत्तीसगढ़ के 7 शहरों को अलग-अलग श्रेणियों में चुना गया है:
बिलासपुर नगर निगम – बड़े शहरों (3 से 10 लाख आबादी) में अव्वल
कुम्हारी नगर पालिका – छोटे शहरों (20,000 से 50,000 आबादी) में बेस्ट
बिल्हा नगर पंचायत – बहुत छोटे शहरों (20,000 से कम आबादी) में टॉप
रायपुर नगर निगम – राज्य स्तर पर “उत्कृष्ट कार्य” के लिए मंत्री स्तरीय अवॉर्ड
सुपर स्वच्छता लीग में भी कमाल
इस बार एक नई कैटेगरी भी शामिल हुई है – सुपर स्वच्छता लीग (SSL)। इसमें वो शहर शामिल किए गए हैं जो लगातार 3 साल में कम से कम एक बार टॉप 3 में आए हों। इसमें छत्तीसगढ़ के तीन शहरों ने फिर से नाम कमाया:
अंबिकापुर नगर निगम – 50,000 से 3 लाख की आबादी में
पाटन नगर पंचायत और बिश्रामपुर नगर पंचायत – 20,000 से कम आबादी वाले शहरों में
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और डिप्टी सीएम अरुण साव ने इस उपलब्धि को पूरे राज्य की जीत बताया। उन्होंने कहा कि ये सम्मान नगर निकायों, अधिकारियों और आम जनता के सामूहिक प्रयास का नतीजा है। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि आने वाले सालों में और भी शहर राष्ट्रीय मंच पर अपनी चमक दिखाएंगे।
डिप्टी सीएम ने कहा कि बिलासपुर, कुम्हारी, बिल्हा, रायपुर, अंबिकापुर, पाटन और बिश्रामपुर जैसे शहर अब प्रेरणा बनेंगे। उन्होंने साफ-साफ कहा कि यह साबित करता है कि छत्तीसगढ़ अब सिर्फ साफ नहीं, बल्कि स्मार्ट और आधुनिक सुविधाओं की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
साफ-सफाई में बाकी शहरों के लिए एक सबक
ये 7 शहर अब सिर्फ सम्मान नहीं ले जा रहे, बल्कि बाकी शहरों के लिए एक साफ-सुथरा संदेश भी दे रहे हैं – अगर जनता, प्रशासन और सरकार मिलकर काम करें, तो कोई भी शहर देश का सिरमौर बन सकता है। छत्तीसगढ़ ने ये दिखा दिया है कि स्वच्छता सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि एक संस्कार है। और जब ये संस्कार शहरों की गलियों में उतरता है, तो दिल्ली तक उसका असर दिखता है।