- नक्सल प्रभावित इलाके सामरी में पुलिस की बड़ी कार्रवाई
- अवैध हथियारों पर शिकंजा, कई लोग हिरासत में
बलरामपुर: आज ऐसी खबर लेकर आए हैं, जिसे सुनकर आप भी कहेंगे, “अरे बाप रे!” छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में पुलिस ने एक ऐसी कार्रवाई को अंजाम दिया है, जिसने सबकी भौंहें चढ़ा दी हैं। सामरी, जो कभी नक्सलियों का गढ़ हुआ करता था, वहाँ से 37 देसी भरमार बंदूकें बरामद हुई हैं। जी हाँ, पूरे सैंतीस! इन हथियारों को गांव वालों ने अपने घरों में बड़े जतन से छिपाकर रखा था। इस बरामदगी के बाद पुलिस ने कई लोगों को धर दबोचा है और अब उनसे पूछताछ का सिलसिला जारी है।
कैसे मिली खबर? पुलिस को खुफिया इनपुट से चौंकाने वाली जानकारी मिली
दरअसल, पुलिस को खुफिया सूत्रों से एक पक्की खबर मिली थी। बताया गया कि सामरी इलाके में हथियारों का एक बड़ा जखीरा जमा है। सामरी का नाम सुनते ही पुलिस के कान खड़े हो गए, क्योंकि यह इलाका पहले नक्सल प्रभावित रहा है। इस खबर की गंभीरता को समझते हुए, पुलिस ने बिना देरी किए फौरन कार्रवाई की योजना बनाई।
पुलिस की रेड: छह गांवों में एक साथ धावा, बरामद हुए हथियार
जैसे ही खबर पुख्ता हुई, बलरामपुर पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर ने सामरी पाट और कोरंधा थाना क्षेत्र में पुलिस टीमों का गठन किया। शनिवार को इन टीमों ने आधा दर्जन गांवों में एक साथ ताबड़तोड़ छापेमारी की। पुलिस की इस अचानक कार्रवाई से गांव वाले भी सकते में आ गए। छापेमारी के दौरान पुलिस को ग्रामीणों के घरों में छिपाकर रखी गई कुल 37 भरमार बंदूकें मिलीं। इन बंदूकों को देखकर पुलिस वाले भी हैरान रह गए कि इतनी बड़ी संख्या में हथियार घरों में कैसे और क्यों रखे गए थे।
क्यों रखे थे हथियार? ग्रामीणों ने खुद घरों में छिपा रखे थे देसी तमंचे
पुलिस की शुरुआती पूछताछ में यह बात सामने आई है कि जिन ग्रामीणों के पास से ये हथियार बरामद हुए हैं, उन्होंने इन्हें अपने-अपने घरों में छिपाकर रखा था। पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर ने बताया कि “थाना सामरी पाट क्षेत्र के विभिन्न गांवों में हमें सूचना मिली थी कि कुछ ग्रामीण अपने पास अवैध रूप से देसी भरमार बंदूक रखे हुए हैं। इसी के मद्देनजर सामरी पाट और कोरंधा के थाना प्रभारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए गए। सामरी पहले नक्सल प्रभावित क्षेत्र था, लेकिन अब यह नक्सल मुक्त हो चुका है।” उन्होंने आगे बताया कि, “छापेमारी के दौरान हमें ग्रामीणों के घरों से कुल 37 कंट्री मेड बंदूकें मिली हैं।”
आर्म्स एक्ट का शिकंजा: पुलिस अब खंगाल रही है ‘सप्लायर’ का कनेक्शन
पुलिस अधीक्षक ने यह भी बताया कि भरमार बंदूकों को अवैध रूप से रखना अपराध की श्रेणी में आता है और पकड़े गए सभी आरोपियों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। पुलिस अब इस बात की भी तहकीकात कर रही है कि इन ग्रामीणों को ये हथियार किसने दिए और क्या इस गैंग के पीछे कोई बड़ा सिंडिकेट काम कर रहा है। बलरामपुर जिला पड़ोसी राज्य झारखंड की सीमा से सटा हुआ है, ऐसे में पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है। एक साथ इतनी बड़ी संख्या में देसी बंदूकें मिलना पुलिस के लिए भी चौंकाने वाला है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश में जुटी है कि क्या ऐसे भरमार बंदूकें किसी और के पास भी तो नहीं हैं। पकड़े गए लोगों से पूछताछ में कई और बड़े खुलासे होने की उम्मीद है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस ‘हथियारों के जखीरे’ के पीछे का पूरा सच कब और कैसे सामने आता है। पुलिस इस मामले की तह तक जाने के लिए पूरी मुस्तैदी से जुटी है।