30 मार्च 2025 से चैत्र नवरात्रि की शुभ शुरुआत हो रही है। नौ दिनों तक चलने वाले इस पावन पर्व में मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा-अर्चना होती है। घटस्थापना के साथ माता रानी का घर में आगमन होता है और मंदिरों में विशेष अनुष्ठान, श्रृंगार और भोग की व्यवस्था की जाती है। इस दौरान पूरे देश में देवी मंदिरों का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। भक्तजन सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी देवी दर्शन के लिए पहुंचते हैं। अगर आप भी इस नवरात्रि माता के दिव्य दर्शन करने की योजना बना रहे हैं, तो हम आपको पांच सबसे बड़े और प्राचीन देवी मंदिरों के बारे में बता रहे हैं, जहां जाकर आप आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हो सकते हैं।
1. वैष्णो देवी मंदिर, कटरा (जम्मू-कश्मीर)
माता वैष्णो देवी का मंदिर हिंदू आस्था का सबसे प्रमुख केंद्र माना जाता है। जम्मू-कश्मीर के कटरा में स्थित यह मंदिर हर साल लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र बनता है। भक्तजन कठिन चढ़ाई और भक्ति के साथ माता के दरबार तक पहुंचते हैं। नवरात्रि में यहां विशेष पूजा और भव्य सजावट होती है। हेलीकॉप्टर, घोड़े और पालकी जैसी सुविधाओं के बावजूद, श्रद्धालु पैदल यात्रा को ही माता की कृपा प्राप्ति का सबसे उत्तम मार्ग मानते हैं। कहा जाता है कि माता के दर्शन मात्र से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
2. कामाख्या देवी मंदिर, गुवाहाटी (असम)
गुवाहाटी स्थित कामाख्या देवी मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक है और इसे तंत्र साधना का प्रमुख स्थल माना जाता है। मान्यता है कि यहां माता सती का योनि भाग गिरा था, इसलिए यह मंदिर विशेष रूप से शक्ति और सिद्धि के लिए पूजनीय है। नवरात्रि के समय यहां भक्तों का तांता लगा रहता है और मंदिर परिसर विशेष पूजन, हवन और अनुष्ठानों से गुंजायमान रहता है। यहां आने वाले श्रद्धालु आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठते हैं।
3. अन्नपूर्णा मंदिर, वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
काशी, जिसे भगवान शिव की नगरी कहा जाता है, वहीं माता अन्नपूर्णा का दिव्य धाम स्थित है। माता अन्नपूर्णा को अन्न और धन की देवी माना जाता है। नवरात्रि के दौरान यहां भव्य पूजा-अर्चना और विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है, जिसमें हजारों भक्त प्रसाद ग्रहण करते हैं। मान्यता है कि यहां दर्शन करने से जीवन में कभी अन्न और धन की कमी नहीं होती। इस मंदिर का अद्भुत वातावरण और मां की कृपा हर भक्त को आत्मिक शांति प्रदान करती है।
4. हरसिद्धि मंदिर, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
महाकाल की नगरी उज्जैन में स्थित हरसिद्धि माता मंदिर भी एक प्रमुख शक्तिपीठ है। मान्यता है कि यहां माता सती की कोहनी गिरी थी, जिसके कारण यह स्थान सिद्धपीठ बन गया। नवरात्रि में यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। विशेष अनुष्ठान और मां काली की भव्य आरती हर किसी को एक अलौकिक आध्यात्मिक अनुभव देती है। यहां आने वाले श्रद्धालु मां की भक्ति में लीन हो जाते हैं और माता की कृपा से जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
5. अंबाजी मंदिर, बनासकांठा (गुजरात)
गुजरात के बनासकांठा जिले में स्थित अंबाजी मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक है। यह मंदिर खास इसलिए है क्योंकि यहां माता की कोई मूर्ति नहीं है, बल्कि “श्री यंत्र” की पूजा की जाती है। मान्यता है कि यहां माता सती का हृदय गिरा था। इस मंदिर में नवरात्रि के दौरान विशेष पूजा और गरबा महोत्सव का आयोजन किया जाता है, जहां देशभर से लोग माता की भक्ति में झूमने आते हैं। माता अंबा का आशीर्वाद लेने के लिए यहां हर साल लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं।
नवरात्रि में देवी दर्शन का महत्व:
नवरात्रि केवल उपवास और पूजन का पर्व नहीं है, बल्कि यह आत्मशुद्धि और शक्ति साधना का भी समय होता है। भारत के इन पांच चमत्कारी देवी मंदिरों में जाकर भक्त न सिर्फ माता की कृपा प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भी भर सकते हैं। इस नवरात्रि, माता रानी के दर्शन कर अपने जीवन को मंगलमय बनाइए और देवी की अपार कृपा प्राप्त कीजिए। जय माता दी!