- * नरवाई जलाई, अब सम्मान निधि पर तलवार लटकी!
- * 7000 किसानों पर ₹2.28 करोड़ का जुर्माना, FIR भी हुई.
- * केंद्र की हरी झंडी का इंतज़ार, फिर लगेगा बड़ा झटका.
आज एक ऐसी खबर लेकर आए हैं, जो मध्यप्रदेश के हजारों किसानों की नींद उड़ा सकती है. अगर आप भी खेती-किसानी से जुड़े हैं या आपके जानने वाले हैं, तो ये खबर पढ़ना आपके लिए बहुत ज़रूरी है. बात हो रही है किसान सम्मान निधि की, जिस पर अब करीब 7000 किसानों के लिए ब्रेक लगने वाला है. वजह इतनी सीधी है कि सुनकर आप भी कहेंगे, ‘अरे भैया, ये तो होना ही था!’
🌾 नरवाई जलाने का ‘पाप’, अब चुकाना पड़ेगा हिसाब!
जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा. दरअसल एक रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश सरकार ने एक कड़ा फैसला लिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऐसे करीब 7000 किसान जिन्होंने सरकार की बार-बार मनाही के बावजूद खेतों में नरवाई (फसल के अवशेष) जलाई है, उन्हें अब किसान सम्मान निधि की राशि नहीं मिलेगी. ये किसान प्रदेश के अलग-अलग जिलों से हैं. सरकार ने पहले ही चेतावनी दी थी कि जो किसान नरवाई जलाएंगे, उन्हें न तो सम्मान निधि मिलेगी और न ही उनकी फसल पर मिलने वाला समर्थन मूल्य. अब ये चेतावनी हकीकत में बदलने जा रही है.
💰 जुर्माना भी लगा, FIR भी हुई, फिर भी नहीं माने किसान!
आपको बता दें कि नरवाई जलाने के जुर्म में अब तक करीब 604 किसानों पर FIR दर्ज हो चुकी है. यही नहीं, अलग-अलग जगहों पर लाखों रुपये का जुर्माना भी किसानों से वसूला गया है. इसमें रायसेन जिला सबसे आगे रहा, जहां सबसे अधिक किसानों से जुर्माना वसूला गया है. ये दिखाता है कि सरकार इस मुद्दे पर कितनी गंभीर है, लेकिन कुछ किसान शायद अभी भी इस गंभीरता को समझ नहीं पाए.
🗺️ किन जिलों के किसान फंसे, देखिए पूरी लिस्ट!
सरकार ने नरवाई जलाने पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया था और इसकी सूचना भी जारी कर दी थी, इसके बावजूद बड़ी संख्या में किसान ये काम करते रहे. आंकड़ों पर गौर करें तो नर्मदापुरम जिले में नरवाई जलाने के 5774 मामले सामने आए हैं, हालांकि यहां सिर्फ आठ किसानों पर ही एफआईआर दर्ज हुई है. वहीं, विदिशा में 1040, इंदौर में 837, गुना में 725, रायसेन में 620, सिवनी में 395, खंडवा में 281, उज्जैन में 211, छिंदवाड़ा में 210 और सतना में 208 किसान इस सूची में शामिल हैं. खास बात ये है कि कुल 52 जिलों में से 23 जिलों के कोई किसान इसमें शामिल नहीं हैं, जो अच्छी खबर है.
💸 ₹2.28 करोड़ की वसूली, फिर भी नहीं बदली आदत!
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राजस्व विभाग ने पूरे प्रदेश में ऐसे 7000 किसानों से 2.28 करोड़ रुपये से ज़्यादा की रकम बतौर जुर्माना वसूल की है. इन सभी किसानों की पूरी सूची तैयार हो चुकी है. सरकार नरवाई नष्ट करने के लिए मशीन खरीदने पर सब्सिडी भी देती है, ताकि किसानों को नरवाई जलाने की ज़रूरत ही न पड़े. इसके बावजूद किसानों ने ये काम किया है, जो कहीं न कहीं पर्यावरण और ज़मीन दोनों के लिए नुकसानदायक है.
🤝 केंद्र की सहमति का इंतज़ार, फिर होगा अंतिम फैसला!
अब सबसे अहम बात. मध्य प्रदेश में किसानों को सम्मान निधि के तहत कुल 12000 रुपये की राशि मिलती है. इसमें से 6000 रुपये केंद्र सरकार देती है और बाकी 6000 रुपये राज्य सरकार अपनी तरफ से देती है. ऐसे में, इन 7000 किसानों की सम्मान निधि रोकने के लिए राज्य सरकार को केंद्र से अनुमति लेनी होगी. एक बार केंद्र की हरी झंडी मिल गई, तो इन किसानों पर ये बड़ा आर्थिक बोझ आ जाएगा. यानी, फिलहाल गेंद केंद्र सरकार के पाले में है और उनका फैसला ही इन किसानों का भविष्य तय करेगा.