विवान तिवारी/ भोपाल: 29 जुलाई अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बाघ संरक्षण का राज्य स्तरीय कार्यक्रम पूरे जोश से मनाया गया। कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में चल रहे कार्यक्रम में जब प्रदेश के वन राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार मंच पर अपना भाषण देने आए तो उन्होंने भाषण में ऐसा कुछ कह दिया जिसने कार्यक्रम में आए वन विभाग से जुड़े सभी उपस्थितों को चौका दिया। अपना भाषण शुरू करते ही देश भर के टाइगर रिजर्व को लेकर उन्होंने जो आंकड़ा दिया, वो हैरान करने वाला था। मंत्री जी ने ये कहा कि देश में 53 टाइगर रिजर्व हैं।
केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी देश के कुल टाइगर रिजर्व का किया जिक्र

अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर आज ही यानी 29 जुलाई 2025 को दिल्ली के नेशनल जूलॉजिकल पार्क में रखे गए विशेष कार्यक्रम में भाषण देते हुए केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने देश में कुल टाइगर रिजर्व की संख्या 58 बताया। उन्होंने यह कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 सालों में देश में टाइगर रिजर्व की संख्या 11 बढ़ी है जैसे आप जिम कॉर्बेट गए हैं रणथंबोर गए हैं, 2014 तक देश में टाइगर रिजर्व 47 थे लेकिन पिछले 10 सालों में टाइगर रिजर्व की संख्या बढ़कर 58 हो गई है जो हमारे प्रधानमंत्री जी के टाइगर से प्रेम को दर्शाता है।
क्या कहता है NTCA?
एनटीसीए यानी राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण भारत सरकार का एक वैधानिक निकाय है, जो पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत काम करता है। इसकी स्थापना वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत की गई है।
इसका मुख्य उद्देश्य देश में बाघों की रक्षा और संरक्षण सुनिश्चित करना है। एनटीसीए बाघों के प्राकृतिक आवासों की निगरानी, टाइगर रिजर्व्स के प्रबंधन और बाघों से जुड़े कानूनों के पालन को लागू करने का काम करता है। इसके तहत बाघों की संख्या, सुरक्षा उपायों और संरक्षण कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान दिया जाता है इसके अनुसार देश मे कुल टाइगर रिजर्व 58 है। सिर्फ इतना ही नहीं साल 2025 में जो अंतिम टाइगर रिजर्व बनाया गया है वो मध्यप्रदेश के शिवपुरी में स्थित है। जिसका नाम माधव टाइगर रिजर्व है।
कौन हैं दिलीप अहिरवार?
अब बात करते हैं मंत्री जी की। दिलीप अहिरवार मध्य प्रदेश की चांदला सीट से पहली बार विधायक बने हैं और पहली ही दफा में उन्हें मंत्री पद मिल गया है। उनकी पहचान बीजेपी के सक्रिय सदस्य के तौर पर रही है, जिनके पिता और दादा भी पार्टी के पुराने कार्यकर्ता थे। उन्हें ओबीसी, आदिवासी और दलित वोट बैंक में अच्छी पकड़ वाला नेता माना जाता है, जो ज़मीन से जुड़े रहते है।
लेकिन ऐसे समय में जब विश्वभर में भारत सबसे ज़्यादा बाघों वाले देश की सूची में शामिल है और मध्य प्रदेश को ‘टाइगर स्टेट’ का दर्जा मिला हुआ है, तब वन राज्यमंत्री जैसे अहम पद पर बैठे व्यक्ति का बाघों से जुड़े सबसे बुनियादी आंकड़े में ऐसी पकड़ रखना सीधे तौर पर बाघ संरक्षण के प्रति गंभीरता और जानकारी के स्तर पर प्रश्नचिह्न तो लगाता ही है।