- तोमर बंधुओं के ऑफिस पर चला बुलडोजर
- सूदखोरी का अड्डा हुआ जमींदोज
- डिप्टी सीएम बोले- आतंक का फन कुचलेंगे
अरे भई, रायपुर से एक बड़ी खबर आई है, जिसने पूरे शहर में सनसनी फैला दी है। सूदखोरी और ब्लैकमेलिंग पर एक बड़ा हथौड़ा चला है। दरअसल हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं की, जिनके भाठागांव वाले ऑफिस पर आज सुबह-सुबह बुलडोजर चल गया है। नगर निगम की टीम ने पूरे दफ्तर को धराशायी कर दिया। सुनने में आया है कि ये ऑफिस रोहित तोमर ने अपनी पत्नी भावना के नाम से खोला था और यहीं से उनकी सूदखोरी का धंधा चलता था। अब ये दोनों भाई, रोहित और वीरेंद्र तोमर, पिछले दो महीने से फरार चल रहे हैं। पुलिस ने तो इन पर इनाम भी रख दिया है, ताकि कोई इनका सुराग बता सके। मामला पुरानी बस्ती थाने का है और पुलिस अभी भी इन दोनों की तलाश में जुटी हुई है।
गृहमंत्री का सीधा साफ संदेश
इस कार्रवाई पर प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि किसी मंत्री या मुख्यमंत्री के साथ फोटो खिंचवाने से कोई कानून से बड़ा नहीं हो जाता। तोमर बंधुओं ने बहुत लोगों को दुख दिया है। इधर, डिप्टी सीएम अरुण साव ने तो और भी कड़क बात कही। उन्होंने साफ-साफ बोला, “बुलडोजर तो चलेगा।” उन्होंने कहा कि जब हम विपक्ष में थे, तब भी हमारा इरादा साफ था और अब जब जनसेवा के लिए सरकार में हैं, तब भी हम बिल्कुल साफ हैं।
उन्होंने आगे लिखा कि पहले हम माइक से अपराधियों को ललकारते थे और अब हमारे नगर निगम का बुलडोजर बोल रहा है। डिप्टी सीएम ने ये भी साफ कर दिया कि कानून से ऊपर कोई नहीं है, चाहे वो कितना भी बड़ा तुर्रम खां क्यों न हो, चाहे तोमर बंधु हों या जिहादी बंधु। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आतंक का फन फैलाओगे, तो सरकार को उस फन को कुचलने का हुनर भी मालूम है। ये बयान साफ संकेत दे रहा है कि सरकार अपराधियों के खिलाफ बिल्कुल सख्त मूड में है।
पत्नी भावना तोमर की गिरफ्तारी: एक कड़ी सुलझने की उम्मीद
लगभग 10 दिन पहले की बात है, रोहित सिंह तोमर की पत्नी भावना तोमर को पुरानी बस्ती पुलिस ने धर दबोचा था। पुलिस को उम्मीद थी कि भावना से पूछताछ करके शायद इन फरार भाइयों का कोई सुराग मिल जाए। भावना शुभकामना वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी चलाती थी और इसी के नाम से जमीन की खरीद-बिक्री करती थी। उस पर आरोप है कि उसने 3 लाख रुपये उधार देकर एक जगुआर कार, जिसकी कीमत करीब 15 लाख रुपये है, गिरवी रख ली। पीड़ित से 5 लाख वसूलने के बाद भी वो 10 लाख रुपये की और मांग कर रही थी। पुलिस ने जगुआर कार, दो मोबाइल और कुछ जरूरी दस्तावेज जब्त किए हैं। दरअसल, पुलिस को खबर मिली थी कि भावना तोमर अपने फरार पति के संपर्क में है, जिसके बाद पुलिस ने मंगलवार को उसे गिरफ्तार कर लिया।
जगुआर कार का सच और तोमर बंधुओं के कारनामे
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस पूरे मामले में चल रही लगातार जांच में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ। वो जगुआर कार, जिसे तोमर ब्रदर्स की बताया जा रहा था, असल में उनकी थी ही नहीं। गाड़ी का असली मालिक भिलाई का मनोज कुमार वर्मा निकला। मनोज वर्मा ने 5 साल पहले तोमर बंधुओं से 3 लाख रुपये उधार लिए थे और इसके बदले अपनी कार गिरवी रखी थी। मनोज 5 लाख रुपये लौटा भी चुका था, लेकिन फिर भी तोमर बंधु उसकी कार वापस नहीं कर रहे थे। ये तोमर बंधुओं की दबंगई का एक और सबूत है। आपको बता दें कि बड़े भाई वीरेंद्र सिंह तोमर और रोहित सिंह तोमर पर सूदखोरी, धमकी, ब्लैकमेलिंग और अवैध वसूली से जुड़े 6 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। ये दोनों भाई पिछले एक महीने से ज़्यादा समय से फरार हैं। पुलिस ने इनकी तलाश में कई राज्यों में टीमें भी भेजी थीं, लेकिन अभी तक इनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
तोमर बंधु फरार घोषित: कानून का शिकंजा कसता जा रहा है!
18 जुलाई को तोमर बंधुओं को कोर्ट में हाजिर होना था, लेकिन जनाब, दोनों ही हाजिर नहीं हुए। इसके बाद कोर्ट ने पुलिस की अर्जी मान ली और वीरेंद्र सिंह तोमर और रोहित सिंह तोमर को ‘फरार’ घोषित करते हुए उद्घोषणा (Proclamation Notice) जारी कर दी है।
अब आप सोच रहे होंगे कि ये उद्घोषणा क्या है? दरअसल, जब कोई आरोपी बार-बार कोर्ट की तारीखों पर पेश नहीं होता, तो कोर्ट एक सार्वजनिक ऐलान करता है। इसमें उस व्यक्ति को एक तय तारीख तक अदालत में पेश होने का आदेश दिया जाता है। ये ऐलान अखबारों, सार्वजनिक जगहों या नोटिस बोर्ड पर चिपकाकर किया जाता है, ताकि सबको जानकारी हो और वो व्यक्ति छिप न सके। अगर आरोपी तय तारीख तक अदालत में हाजिर नहीं होता, तो उसके खिलाफ कोर्ट गैर-जमानती वारंट या कुर्की जैसी सख्त कार्रवाई करता है। तो भैया, अब तोमर बंधुओं पर कानून का शिकंजा और कसता जा रहा है और ऐसा लगता है कि अब उनका भागना ज्यादा दिन तक नहीं चलेगा। यह कार्रवाई उन सभी लोगों के लिए एक बड़ा संदेश है जो कानून को अपने हाथ में लेने की सोचते हैं। क्या इस कार्रवाई के बाद सूदखोरी और ब्लैकमेलिंग के गोरखधंधे पर लगाम लगेगी? ये देखने वाली बात होगी।