बीते रात पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर हुई बमबारी के बाद से एक नाम तेजी से सुर्खियों में है – कर्नल सोफिया कुरैशी। भारत की ओर से हुए इस जवाबी हमले को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया। इस पूरे ऑपरेशन में जिस अफसर की रणनीति, मौजूदगी और लीडरशिप ने सबसे ज्यादा कमाल किया, वो हैं लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी।
कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी?
सोफिया कुरैशी वडोदरा (गुजरात) की रहने वाली हैं। उनका जन्म 1981 में हुआ था। बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने साल 1999 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) से ट्रेनिंग ली। उसी साल वो सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में भर्ती हुईं।
उस वक्त शायद किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि यही महिला अफसर एक दिन पाकिस्तान की नींद उड़ाएगी। इससे पहले भी सोफिया ने नॉर्थ ईस्ट में बाढ़ राहत कार्यों में अहम भूमिका निभाई थी।
कितनी सैलरी मिलती है कर्नल सोफिया को?
अब आते हैं सबसे चर्चित सवाल पर – सोफिया कुरैशी को हर महीने कितनी तनख्वाह मिलती है?
तो जनाब, बतौर कर्नल उनकी बेसिक सैलरी ₹1,21,200 से लेकर ₹2,12,400 तक होती है। लेकिन यही नहीं, इसके अलावा भी कई भत्ते और फायदे शामिल होते हैं जो हर फौजी को अलग से मिलते हैं।
भत्तों की पूरी लिस्ट देखिए:
- महंगाई भत्ता (DA): महंगाई के हिसाब से तय होता है, हर महीने बदलता रहता है।
- मिलिट्री सर्विस पे: ₹15,500 हर महीने, ब्रिगेडियर रैंक से नीचे सभी अफसरों को मिलता है।
- HRA (हाउस रेंट): पोस्टिंग की जगह के अनुसार अलग-अलग होता है।
- फील्ड एरिया अलाउंस: अगर अफसर रिस्क वाले इलाके में तैनात हैं तो ₹10,500 से ₹25,000 तक मिल सकता है।
- ट्रांसपोर्ट अलाउंस: ₹3600 से ₹7200 तक, यह भी लोकेशन के आधार पर मिलता है।
- स्पेशल फोर्स अलाउंस: अगर किसी स्पेशल फोर्स यूनिट में हैं तो ₹25,000 तक मिलता है।
- यूनिफॉर्म अलाउंस: सालाना ₹20,000 तक का यूनिफॉर्म खर्च मिलता है।
हो रही है अब हर जगह चर्चा?
क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक जवाबी हमला नहीं था, बल्कि ये भारत की नई रणनीति का एलान था – अब हम सिर्फ सुनेंगे नहीं, जवाब देंगे… वो भी चुपचाप नहीं, गूंज के साथ और इस गूंज की सबसे मजबूत आवाज़ बनीं – कर्नल सोफिया कुरैशी।
आखिर में…
भारत की इस बेटी ने फिर साबित कर दिया कि देश की सुरक्षा सिर्फ पुरुषों के हाथ में नहीं, महिलाएं भी बॉर्डर से लेकर ऑपरेशन रूम तक बराबरी से डटी हैं।कर्नल सोफिया कुरैशी अब सिर्फ एक नाम नहीं, एक मिसाल हैं।