ऋषभ तिवारी (विवान)/भोपाल: सीएम मोहन यादव ने महिला कर्मचारियों की सबसे बड़ी दिक्कत को समझा और उसी पर एक्शन लिया। अब प्रदेश के हर शहर में कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल बनाए जाएंगे। जहां-जहां महिला कर्मचारी ज्यादा होंगी, वहां ‘सखी-निवास’ शुरू किए जाएंगे। ताकि नौकरी करने वाली महिलाएं किराए के मकान में भटकने की बजाय सुरक्षित हॉस्टल में रह सकें। बुधवार को महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में सीएम यादव ने ये बातें कहीं।
रोजगार के लिए ट्रेनिंग, अलग-अलग विभागों से होगा कोऑर्डिनेशन
सीएम ने यह भी कहा कि बालिकाओं और महिलाओं को रोजगार के लायक तैयार किया जाए। इसके लिए अलग-अलग विभागों के साथ मिलकर उन्हें ट्रेनिंग दी जाए। यानी सिर्फ पढ़ाई नहीं, स्किल भी। ताकि लड़कियां सिर्फ डिग्रीधारी ना रहें, बल्कि नौकरी करने लायक भी बनें।
स्वास्थ्य और पोषण को लेकर तीन विभागों को साथ लाने की तैयारी
मोहन यादव ने बच्चों और महिलाओं की सेहत को लेकर भी बड़ा फैसला लिया। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य और आयुष विभाग मिलकर एक प्लान बनाएं। ताकि बच्चों को कुपोषण से बचाया जा सके और महिलाओं को हेल्दी रखा जा सके।
आंगनवाड़ी में मिलेगा बेहतर खाना, चना और दूध अनिवार्य
आंगनवाड़ी में बच्चों को सिर्फ खाना नहीं, पौष्टिक खाना मिले – सीएम का साफ निर्देश है। उन्होंने कहा कि एक महीने के अंदर ऐसी योजना बनाओ, जिसमें बच्चों को चना, दूध जैसी प्रोटीन वाली चीजें जरूर दी जाएं। गर्भवती महिलाओं को भी भरपूर पोषण दिया जाए, ताकि मां और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें।
गांवों की महिलाओं को मिले अस्पताल तक पहुंच, मदद को तैयार रहे सिस्टम
दूर-दराज के गांवों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं को लेकर भी सीएम ने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि उनके लिए अस्पताल तक पहुंचने और डिलीवरी के वक्त मदद करने का पक्का इंतजाम हो। सरकार ये तय करे कि कोई महिला बिना इलाज के ना रहे।
आंगनवाड़ी अब सरकारी भवनों में, फंड की कमी नहीं आने देंगे
सीएम ने साफ किया कि हर जिले में आंगनवाड़ी सरकारी बिल्डिंग में ही चलनी चाहिए। इसके लिए स्कूल, पंचायत, जनजातीय कार्य और नगरीय विभाग की बिल्डिंग्स का यूज़ किया जाए। सांसद-विधायक निधि और DMF फंड से आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण भी किया जाए।