इंदौर की रंगपंचमी यानी रंगों का ऐसा समंदर जिसमें हर गली-मोहल्ला डूब जाता है। लेकिन ये मस्ती सिर्फ रंग-गुलाल तक ही सीमित नहीं है, यहां सफाई का भी उतना ही सख्त नियम है। इंदौर की ऐतिहासिक ‘गेर’ को लेकर नगर निगम ने अपनी कमर कस ली है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने अधिकारियों और एमआईसी सदस्यों के साथ बैठक कर साफ-सफाई को लेकर पूरी प्लानिंग कर डाली है।
रंग खेले भी, और सफाई झकाझक रहे भी!
भैया, इंदौर वालों के लिए सफाई कोई कामचलाऊ चीज़ नहीं है, ये तो उनके दिल का मामला है। और हो भी क्यों न! लगातार सात बार देश का सबसे स्वच्छ शहर जो बना है। अब रंगपंचमी के इस बड़े आयोजन में भी नगर निगम ने ठान लिया है कि गेर के समापन के दो घंटे के भीतर पूरा इलाका चमकाना है। इसके लिए सैकड़ों सफाईकर्मी लगाए जाएंगे और हाई-टेक मशीनों का पूरा फौजफाटा उतारा जाएगा।
स्वच्छता सर्वेक्षण का है दबाव, गलती की कोई गुंजाइश नहीं
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बैठक में साफ कहा कि इस बार सफाई में कोई ढील नहीं चलेगी। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर सफाई में कोई लापरवाही हुई तो इसका सीधा असर शहर की स्वच्छता रैंकिंग पर पड़ेगा। भैया, इंदौर वालों के लिए स्वच्छता रैंकिंग कोई छोटा-मोटा खिताब नहीं है, ये तो उनके स्वाभिमान का सवाल है। इसलिए इस बार रंगों की मस्ती के बाद सफाई के लिए डबल फोर्स मैदान में उतारी जाएगी।
गेर देखने देश-विदेश से आते हैं लोग
अब आप सोच रहे होंगे कि इस गेर में ऐसा क्या खास है जो इसे देखने विदेशी भी चले आते हैं? तो सुनिए, इंदौर की ये गेर केवल रंग-गुलाल का जलवा नहीं है, बल्कि परंपरा, संस्कृति और भाईचारे का भी उत्सव है। हर साल लाखों लोग इस नज़ारे को देखने राजवाड़ा और शहर के मध्य इलाकों में उमड़ पड़ते हैं। इस बार भी देश-विदेश से आने वाले लोगों के लिए प्रशासन ने खास इंतजाम किए हैं ताकि किसी को कोई दिक्कत न हो।
हर गली-नुक्कड़ पर तैनात रहेगी सफाई टीम
बैठक में नगर निगम ने तय किया कि सफाई व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए हर नुक्कड़ और गली पर सफाईकर्मी मुस्तैद रहेंगे। आयोजन के दौरान गेर मार्ग पर सफाई कर्मी लगातार काम करेंगे ताकि रंग खेलने के बाद सड़कों पर जमा गीला रंग, कागज और अन्य कचरा तुरंत साफ हो जाए।
हाई-टेक मशीनें भी दिखाएंगी कमाल
गेर खत्म होते ही मैदान में उतरेंगी हाई-टेक सफाई मशीनें। झाड़ू वाहन, वाटर स्प्रेयर और कचरा कलेक्शन मशीनों का पूरा दस्ता दो घंटे के भीतर पूरा राजवाड़ा क्षेत्र चकाचक कर डालेगा।
तो इस बार गेर देखिए भी और इंदौर की झकाझक सफाई का लुत्फ भी उठाइए!
इंदौर की ये गेर सिर्फ रंगों का खेल नहीं, बल्कि सफाई की मिसाल भी है। तो भैया, रंगपंचमी पर अगर इंदौर में हैं, तो इस ऐतिहासिक गेर का मजा लीजिए और देखिए कैसे ‘स्वच्छता का राजा’ हर साल अपनी बादशाहत को बरकरार रखता है। इंदौर वाले कहते हैं — “गेर के रंग भले दो-चार दिन रहें, पर इंदौर की सफाई तो हमेशा चमकती रहे!”