चावल… ये नाम सुनते ही आपके दिमाग में बिरयानी, पुलाव या खिचड़ी का ख्याल आ गया होगा। भारत में चावल सिर्फ खाने की चीज नहीं है, बल्कि ये हमारी संस्कृति का हिस्सा है। शादी-ब्याह में पका हो या त्योहारों पर खीर में घुला हो, चावल के बिना हर स्वाद अधूरा सा लगता है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश है, तो जाहिर है हमारे यहां इसकी कई किस्में भी मिलती हैं। आज आपको बताते हैं 7 ऐसे खास चावल, जिनके बिना भारतीय किचन अधूरा है।
1) बासमती चावल
नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाए, ऐसा है बासमती चावल। इसकी पतली, लंबी और चमकदार बनावट इसे बाकी चावलों से अलग बनाती है। बिरयानी में जान डालने वाला ये चावल जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और पंजाब में खूब उगाया जाता है। लंबी शेल्फ लाइफ के साथ इसकी मोहक खुशबू इसे स्पेशल बनाती है।
2) मोगरा चावल
ये चावल आपकी जेब पर भारी नहीं पड़ता, लेकिन स्वाद के मामले में किसी से कम नहीं। मोगरा चावल में स्टार्च की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे ये पकने के बाद चिपचिपा हो जाता है। इसकी हल्की सुगंध और मुलायम स्वाद इसे रोजमर्रा के खाने के लिए परफेक्ट बनाता है।
3) गोविंदभोग चावल
बंगाली किचन का राजा है गोविंदभोग चावल। इसकी बनावट भले ही बासमती जितनी लंबी न हो, लेकिन इसका स्वाद और सुगंध अलग ही लेवल का है। बंगाल के पारंपरिक व्यंजनों में इसका खास रोल होता है।
4) इंद्रायणी चावल
महाराष्ट्र के पश्चिमी इलाकों में पैदा होने वाला इंद्रायणी चावल सादे भात, मसाला भात या वंगरी भात में जान डाल देता है। इसकी खुशबू और स्वाद ऐसा है कि एक बार खा लिया तो भूल नहीं पाएंगे।
5) पलक्कड़न मट्टा
केरल के पलक्कड़ जिले का ये खास चावल अपनी लाल रंगत के लिए मशहूर है। इसे मट्टा चावल भी कहा जाता है। केरल की पारंपरिक डिशेज अप्पम, इडली और डोसा में इसका खास रोल है। कहते हैं कि ये चावल चेरा और चोल राजवंशों के जमाने में शाही रसोई का हिस्सा था।
6) काला चावल
ये चावल जितना दिखने में काला है, उतना ही पोषक तत्वों से भरपूर है। मणिपुर में इसे ‘चक हाओ अमुबी’ के नाम से जाना जाता है। फंक्शन और दावतों में इसकी खास जगह होती है। काले चावल का हलवा भी काफी फेमस है।
7) आंबेमोहर चावल
महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में उगाया जाने वाला ये चावल अपनी मोगरे जैसी खुशबू के लिए मशहूर है। इसका इस्तेमाल खासतौर पर त्योहारों, धार्मिक आयोजनों और खास दावतों में किया जाता है।
तो समझ लीजिए, चावल सिर्फ खाने की चीज नहीं है, ये स्वाद और परंपरा का संगम है। अगली बार जब प्लेट में चावल परोसा जाए, तो सोचिए कि ये सिर्फ अनाज नहीं, बल्कि देश के अलग-अलग कोनों की खुशबू और स्वाद का हिस्सा है।
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